September 7, 2024

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UP BJP में घमासान: नही रूक रहा विधायकों के पार्टी छोडऩे का सिलसिला

              

UP  BJP में घमासान:  नही रूक रहा विधायकों के पार्टी छोडऩे का सिलसिला

लखनऊ । विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद योगी सरकार और भाजपा से इस्तीफे देने वाले नेताओं का जो सिलसिला शुरू हुआ रूकने का नाम नही ले रहा है। अब सवाल यह है कि इस खेल के पीछे कौन है। सभी नेताओं ने अपने इस्तीफे में एक जैसी ही नाराजगी है।
     योगी सरकार में श्रम, सेवायोजन एवं समन्वय मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्या ने सबसे पहले इस्तीफा दिया, उन्होंने राज्यपाल को भेजे अपने इस्तीफे में लिखा, मैंने विपरित परिस्थितियों व विचारधारा में रह कर भी बहुत मनोयोग के साथ अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है, किंतु दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता हूं, इसके बाद वन पर्यावरण और जंतु उद्यान मंत्री दारा सिंह चौहान का जो इस्तीफा सोशल मीडिया में घुम रहा है उस में भी पिछड़ों, वंचितों, दलितों, किसानों और बेरोजगार नौजवानों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के साथ साथ पिछड़ों और दलितों के आरक्षण के मामले में जो खिलवाड़ की बाते लिखी है।
     शिकोहाबाद से विधायक डा. मुकेश वर्मा ने भी भाजपा छोड़ दी, उन्होने भेजे त्यागपत्र में कहा है प्रदेश सरकार द्वारा अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं व जनप्रतिनिधियों को कोई तव्वजो नहीं दी गई। उन्हें उचित सम्मान नहीं दिया गया। दलितों, पिछड़ों, वंचितों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों और छोटे लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षा की गई। प्रदेश सरकार के ऐसे कूटनीतिपरक रवैये के कारण मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। स्वामी प्रसाद मौर्या शोषित पीड़ितों की आवाज हैं, वही हमारे नेता हैं। मैं उनके साथ हूं।
      एमएलए विनय शाक्य, 202 बिधूना औरेया विधानसभा क्षेत्र से चुनकर आए थे। उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा, पांच वर्षों के कार्यकाल के दौरान दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं व जनप्रतिनिधियों को कोई तव्वजो नहीं दी गई। उन्हें उचित सम्मान नहीं दिया गया। इसके अलावा प्रदेश सरकार द्वारा दलितों पिछड़ों, वंचितों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों और छोटे लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षा की गई। प्रदेश सरकार के ऐसे कूटनीतिपरक रवैये के कारण मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। स्वामी प्रसाद मौर्या शोषित पीड़ितों की आवाज हैं, वही हमारे नेता हैं। मैं उनके साथ हूं।
          वही जो खबर मिल रही है उसके अनुसार आज देर शाम भाजपा के 8 से 10 बागी विधायक स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ अखिलेश यादव से मिल कर बैठक कर रहे है। वैसे स्वामी प्रसाद मौर्य ने 14 जनवरी को सपा की सदस्यता लेंगे यह जानकारी तो मिल रही है वही उनके अनुसार 14 जनवरी को बड़ी हलचल भी होगी।

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