September 8, 2024

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Maharajganj: सफाई किट के नाम पर जिले में बड़े घोटाले की तैयारी, भुगतान के लिए कौन बना रहा दबाव

              

Maharajganj: सफाई किट के नाम पर जिले में बड़े घोटाले की तैयारी, भुगतान के लिए कौन बना रहा दबाव

महराजगंज। जिले में इस समय सफाई किट के नाम पर बड़े घोटाले की तैयारी चल रही है, चर्चाओं के अनुसार जिले के हर ग्राम सभाओं में बने सामुदायिक शौचालय के लिए यह किट जिले से ब्लाक कार्यालयों पर भेज अब भुगतान का दबाव बनाया जा रहा है, जब कि जो सामान भेजा गया है वह लोकल किसी कम्पनी का है और अगर सामानों के प्रिंट रेट को ही ले तो जितने के भुगतान की बात कही जा रही है उससे चौथाई कम दाम में ही मिल जाएगा।
   बताते चले जिले के हर ग्राम सभाओं में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया है जिसके संचालन की जिम्मेदारी उसी ग्राम सभा के महिला स्वंय सहायता समूहों को दी गयी है इस के लिए उन्हे जहां हर माह मानदेय दिया जा रहा है वही सफाई सामग्री के लिए भी अलग से भुगतान दिया जाता है, इधर चुनाव का दौर चल रहा है, जो चर्चा है उसके अनुसार इसी बीच कोई व्यक्ति सफाई किट जिसमें एक बड़ा झाडू, एक छोटा झाडू, एक लीटर फीनायल, 100 एमएल हैंड वास, सहित कुल 8 सामान जो सफाई के कार्य में आते है जिले के हर विकास खण्ड में पहुंचा दिया और स्वंय सहायता संचालन करने वालों को सौंप कर कह दिया कि जिले से भेजा गया है, इसे हर ग्राम सभाओं में वितरण करना है।
       जानकारी के अनुसार सिसवा विकास खण्ड में यह सामाम पूराने बैठक हाल में रखा गया और यही से वितरण किया जा रहा है, सवाल यह नही है, यह सामन किसी नये कम्पनी का है जो बाजार में कोई नाम भी नही जानता, कुछ ग्राम प्रधानों को कहना है कि इस सामान के बदले दो हजार रूपये का भुगतान का दबाज बनाया जा रहा है जब कि यह सामान अच्छे कम्पनियों का बाजार में मात्र 5 से 6 सौ रूपये में मिल जाएगा।
     वही जब सिसवा ब्लाक में इस सामानों के वितरण करने वालों का कहना है कि यह सभी सामान निचलौल की एक स्वयं सहायता समूह बना रही है और उसे प्रोत्साहित करने के लिए जिले के हर ग्राम सभाओं में बेचा जा रहा है।
    यहां सवाल तो उठना लाजमी है कि हर ग्राम सभाओं में स्वंय सहायता समूह है तो उन्हे भी उत्थान के लिए कम से कम एक सामान का उत्पादन हर ग्राम सभाओं में बेेचना चाहिए, इतना ही नही तमाम कार्यो कें लिए सरकार स्वंय सहायता समूहों से ही क्रय करने जैसी आदेश देती है लेकिन जिले में ऐसा कुछ भी नही हो रहा है फिर इन सामानों के बेचने के लिए जिले का इतना दबाब क्यों दिया जा रहा है।
     जांच तो होनी चाहिए कि आखिर जिले का वह कौन अधिकारी है जो यह बेचने के लिए दबाव बना रहा है या फिर अधिकरियों के नाम पर कोई जिले मे अपने सामनों को बेचने का खेल कर रहा है।

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