September 7, 2024

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गृह राज्य मंत्री की बर्खास्तगी के लिए मोदी सरकार को और कितने साक्ष्य चाहिए: अजय कुमार लल्लू

          

गृह राज्य मंत्री की बर्खास्तगी के लिए मोदी सरकार को और कितने साक्ष्य चाहिए: अजय कुमार लल्लू

लखनऊ। लखीमपुर खीरी हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत के मामले में सोमवार को एसआईटी द्वारा सीजेएम कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई। एसआईटी ने जो चार्जशीट दाखिल की है, वह पांच हजार पन्नों की है। इसमें बताया गया है कि आशीष मिश्रा मोनू घटनास्थल पर मौजूद था। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी का पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू घटना का मुख्य आरोपी है।
      उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आज पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी सरकार पर सवाल उठाते हुए अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी की मांग की है। इस आरोप पत्र में अजय मिश्र टेनी के रिश्तेदार वीरेंद्र कुमार शुक्ला को पुलिस ने साक्ष्य मिटाने के अपराध का दोषी माना है।
     प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी के लिए मोदी सरकार को अभी और कितने और साक्ष्य चाहिए? अजय मिश्र टेनी 120 बी के आरोपी हैं। एफआईआर में उनका नाम था एसआईटी यह बताएं कि कितनी बार उन्हें जांच के लिए बुलाया गया। एफआईआर में नाम होने के बावजूद चार्जशीट से गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी का नाम क्यों हटाया गया। इससे पद पर रहते हुए जांच भटकाने का भी संन्देह पैदा होता है। प्रदेश एवं देश की पूरी  भाजपा सरकार रक्षक के पद रहते हुए भी भक्षक के साथ खड़ी नजर आ रही है।
   श्रीमती प्रियंका गांधी जी घटना के बाद पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहीं थीं जिन्हें रोका गया और सीतापुर स्थित अस्थायी जेल में चार दिन तक रखा गया। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल सहित पंजाब के नेताओं को भी वहां जाने से रोका गया।
    श्री लल्लू ने कहा कि राहुल गांधी को भी लखनऊ हवाई अड्डे पर काफी समय तक रोका गया। बाद में राहुल जी के संघर्ष के आगे योगी सरकार को झुकना पड़ा और छत्तीसगढ़ एवं पंजाब के मुख्यमंत्री के साथ जाने दिया गया। सीतापुर में प्रियंका गांधी जी के सामने योगी सरकार झुकी और उन्हें छोंड़ा गया। साथ ही पीडित परिवारों से मिलने वह भी पहुंची। श्री राहुल जी एवं प्रियंका जी सहित कांग्रेसजनों द्वारा लखीमपुर हिंसा मामले के पीड़ितो की आवाज पूरे देश के सामने उठायी गयी। तब भी गलत तर्क देकर भाजपा सरकार एवं प्रशासन द्वारा देश एवं प्रदेश को गुमराह किया गया।
     प्रदेश अध्यक्ष श्री लल्लू ने कहा कि इतनी बड़ी घटना बिना गृह राज्यमंत्री के इशारे के संभव ही नहीं है। गृह मंत्री अमित शाह को उत्तर प्रदेश में दूरबीन से अपराधी और अपराध नहीं दिख रहे थे। उनसे सवाल है कि एसआईटी द्वारा चार्जशीट दाखिल करने के बाद अपराध और अपराधी दिखाई दिया कि नहीं। यदि दूरबीन काम न कर पा रही हो तो कांग्रेस पार्टी दूरबीन मुहैया कराये।
    इस मुद्दे को लेकर राहुल गांधी एवं प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के नेतृत्व में सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ी जिसका परिणाम धीर-धीरे सामने आ रहा है। मोदी सरकार को अभी और कितने साक्ष्य चाहिए जिससे अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी हो सके। यह उत्तर प्रदेश की जनता जानना चाहती है। किसानों का नरसंहार इस प्रदेश की जनता न कभी भूलेगी न ही माफ करेगी। निश्चित ही आने वाले विधानसभा चुनाव में जनता भाजपा सरकार को सबक सिखायेगी।
   प्रेस वार्ता के दौरान अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के साथ पूर्व मंत्री पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, मीडिया संयोजक अशोक सिंह, प्रवक्ता कृष्णकांत पाण्डेय, प्रियंका गुप्ता, विकास श्रीवास्तव, संजय सिंह, सचिन रावत, उपस्थित रहे।
   

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