इटियाथोक-गोंडा। कस्बा इटियाथोक से सटे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र महज रेफर सेंटर बनकर रह गया है।अस्पताल में न तो कोई विशेषज्ञ है और न ही अन्य सुविधाएं हैं।ऐसे में लोगों को उपचार के लिए 20 किलोमीटर दूर स्थित जिला चिकित्सालय जाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है।इस समय मौसम के बदलाव के चलते बुखार-खांसी के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
ऐसे में स्टाफ की कमी और सुविधाओं के अभाव में मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।अस्पतालों की दशा सुधारने के लिए सरकार भले ही दावे कर रही हो, लेकिन स्थिति उससे एक दम उलटा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र इटियाथोक पर लापरवाह जिम्मेदारों के कारण सुविधाओं का टोटा है।स्टाफ की कमी के चलते मरीजों को सही से उपचार नहीं मिल पा रही है। अस्पताल में रोजाना सैकड़ों मरीज पहुंच रहे हैं। ऐसे में स्टाफ की कमी के चलते गंभीर बीमारी वाले मरीजों को अस्पताल से रेफर कर दिया जाता है।अस्पताल में हड्डी रोग, बाल रोग, स्त्री रोग आदि के विशेषज्ञ नहीं हैं। एक्सरे टेक्नीशियन के रूप में हरिओम यादव की तैनाती तो है, लेकिन अस्पताल में एक्सरे मशीन नहीं है। ऐसे में इन रोगों से ग्रस्त मरीजों को उपचार के लिए गोंडा, लखनऊ आदि शहरों की तरफ रुख करना पड़ता है।
इसके अलावा सफाईकर्मी की कमी के चलते अस्पताल में सफाई व्यवस्था भी लचर है। अस्पताल में जगह-जगह जलभराव व दुर्गंध की भरमार है। वहीं विभाग के कुछ कर्मचारियों ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया,कि लगभग तीन माह से अस्पताल में पीने के पानी की भारी किल्लत है। अस्पताल के कर्मचारियों सहित मरीज व उनके साथ आए तीमारदार बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। पूरा अस्पताल एक नल के सहारे प्यास बुझा रहा है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि रात में चिकित्सा प्रभारी अस्पताल में नहीं रहते। सुविधाओं के अभाव में लोगों को प्राइवेट चिकित्सकों से इलाज करवाना पड़ता है।
More Stories
Gorakhpur News – St. Andrew’s College और Robotics Era के बीच हुआ समझौता, विद्यार्थियों को मिलेगा कौशल विकास का लाभ
एक पेड़ माँ के नाम 2.0 कार्यक्रम- सेण्ट ऐण्ड्रयूज काॅलेज में हुआ वृक्षारोपण
लखनऊ में उ.प्र. उद्योग व्यापार मंडल के शपथ ग्रहण समारोह एवं प्रदेश व्यापारी महाकुंभ का हुआ आयोजन, महराजगंज व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने भी लिया भाग