Learn how these 3 units of the Indian Army forced Chinese soldiers to flee
तवांग-अरुणाचल प्रदेश। अरुणांचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के यांगत्से क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर 9 दिसंबर को चीनी सैनिकों के साथ झड़प में भारतीय सेना के विभिन्न रेजिमेंटों की तीन इकाइयों के जवान शामिल थे, जिन्होंने बड़ी बहादुरी से यथास्थिति को ‘एकतरफा’ ढंग से बदलने की कोशिश करने आए पीएलए के मंसूबों को नाकाम कर दिया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, तीन अलग-अलग बटालियनों जम्मू और कश्मीर राइफल्स, जाट रेजिमेंट और सिख लाइट इन्फैंट्री से संबंधित सैनिक पिछले हफ्ते उस वक्त झड़प के स्थान पर मौजूद थे, जब चीनियों ने क्षेत्र में यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश की थी,
झड़प के लिए चीनी सैनिक भारी छड़ी (जिसके ऊपर पत्थर या धातु लगा होता है), लाठियों और अन्य उपकरणों से लैस थे. उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिक भी संघर्ष के लिए तैयार थे क्योंकि वे विरोधियों के इरादों को जानते थे. भारतीय सेना की एक यूनिट वहां से निकल रही थी और एक नई यूनिट उसका स्थान लेने आ रही थी. हालांकि, चीनियों ने संघर्ष के लिए जिस दिन को चुना, उस वक्त दोनों यूनिट्स क्षेत्र में मौजूद थीं.
चीनी सेना के जवान हर साल इन इलाकों में घुसने की कोशिश करते हैं और अपनी मौजूदा लाइन के बाहर पेट्रोलिंग करने की कोशिश करते हैं, भारत जिसकी भारत इजाजत नहीं देता. चीनी सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा पर होलीदीप और परिक्रमा क्षेत्र के आसपास यांग्त्से में मुद्दों पर आक्रामक व्यवहार कर रही है, जहां चीनी पक्ष भारतीय पदों का विरोध करता रहा है.

300 से अधिक चीनी सैनिक थे
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, झड़प के दौरान चीनी सेना ड्रोन के साथ जाहिर तौर पर पूरी झड़प को शूट करने के लिए आई थी, जिसमें वे भारतीय सैनिकों को पछाड़ने की उम्मीद कर रहे थे. चीनी 300 से अधिक सैनिकों के साथ आए थे, जो भारतीय जवानों पर हमला करने के प्रयास में पथराव कर रहे थे, लेकिन उन्हें बुरी तरह पीटा गया और एलएसी के अपने क्षेत्र में पीछे हटने के लिए मजबूर किया गया.
चीन के साथ सीमा मुद्दे से निपटने के सरकार के तरीके पर विपक्ष द्वारा सवाल उठाए जाने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में रहने तक कोई भारत की एक इंच जमीन पर भी कब्जा नहीं कर सकता.
संसद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने क्या कहा
इससे पहले, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संसद में अपने एक बयान में कहा, ‘नौ दिसंबर को, पीएलए के सैनिकों ने तवांग सेक्टर के यांगत्से क्षेत्र में एलएसी को पार करने और एकतरफा रूप से यथास्थिति बदलने की कोशिश की. चीन की कोशिश का हमारे सैनिकों ने दृढ़ता से मुकाबला किया.’ उन्होंने कहा, ‘इसके चलते झड़प हुई, जिसमें भारतीय सेना ने बहादुरी से पीएलए को हमारे क्षेत्र में घुसपैठ करने से रोका और उसे अपनी चौकियों पर लौटने के लिए मजबूर कर दिया.’ सिंह ने लोकसभा और राज्यसभा में समान बयान में कहा कि झड़प में किसी भारतीय सैनिक की मृत्यु नहीं हुई है और न ही कोई भारतीय सैनिक गंभीर रूप से घायल हुआ है. उन्होंने कहा कि इसमें दोनों पक्षों के कुछ कर्मियों को चोटें आई हैं.
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