December 8, 2024

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Exclusive: हमने सवाल पूछे और BSP प्रत्याशी धीरेन्द्र प्रताप सिंह ने बड़ी बेबाकी से दिया जवाब, जाने प्रत्याशी ने क्या कहा

         

Exclusive: हमने सवाल पूछे और BSP प्रत्याशी धीरेन्द्र प्रताप सिंह ने बड़ी बेबाकी से दिया जवाब, जाने प्रत्याशी ने क्या कहा

सिसवा बाजार-महाराजगंज। सिसवा विधानसभा में बीती रात खेला हो गया और बहुजन समाज पार्टी ने श्रवण पटेल के टिकट को काटकर धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ धीरू सिंह को टिकट दे दिया, तमाम सवाल पूछे और उन्होनें बड़ी बेबाकी से जवाब भी दिया।
  हमारे सवाल और बसपा प्रत्याशी धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ धीरू सिंह के जवाब
  भाजपा छोड़कर आपने हाथी की सवारी क्यों की

        लोकतंत्र है और लोकतंत्र में किसी भी दल का घोषणापत्र व नीतियों से प्रभावित है, जनता की सेवा के उद्देश्य से हम भी दल बदल सकते हैं, जैसे जनता को लगता है कोई भी दल ठीक ढंग से काम नहीं कर रही है तो जनता अपने निर्णय को बदल देती है उसी प्रकार इसी लोकतंत्र में हम नेताओं को भी व्यवस्था है अगर उस दल में अगर किसी न किसी विशेष जाती के लोगों को महत्व दिया जाता है तो मैं भी दलबदल करके जनता की सेवा कर सकता हूं, इसी उद्देश्य से मैं बहुजन समाज पार्टी में आया हूं।
 

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जनता आपको वोट क्यों दें
      मुझे लगता है जो भी यहां प्रत्याशी आते हैं या अभी जो विभिन्न दलों ने अभी टिकट दिया है वह लोग हमारे सिसवा क्षेत्र के नही बल्किं बाहरी हैं, जो हमारे क्षेत्र का नहीं है, हमारे घर का नहीं है वह हमारे बारे में क्या सोचेगा, मैं यही निवास करता हूं, भुजौली में मेरा घर है, इसके अलावा कही मेरा दूसरा कोई घर नहीं है, मेरे कई पीढ़ियों से, मेरे बाबा जी, मेरे पिताजी और हम लोगों की सेवा करते चले आ रहे हैं, मेरे बाबा जी भूमि विकास बैंक निचलौल के अध्यक्ष रहे हैं, मेरे पिताजी भी रहे हैं, मेरे पिताजी 10 साल ब्लॉक प्रमुख रहे हैं, मेरी माता जी ग्राम प्रधान रही है, हम लोगों ने जनता का विश्वास जीता है और मैं उसी क्रम को आगे बढ़ाना चाहता हूं, उसी उद्देश्य से मैं विधानसभा के स्तर पर कुछ काम ऐसे हैं जो लखनऊ सदन के माध्यम से हो सकते ही हो सकते हैं, वह सब मेरे ध्यान में है, उसको ही ध्यान में रखते हुए मैंने विधानसभा में उतरने का फैसला लिया है।
इस विधानसभा क्षेत्र की प्रमुख समस्याएं क्या है और किस मुद्दे पर चुनाव लड़ेंगे आप
    विभिन्न सड़क, जैसे सिंदुरिया से सिसवा, सिसवा से खड्डा, अभी ब्लॉक वाली सड़क मेरे ही प्रयास से बन रही है, जो काफी टूटा फूटा था, इसके आगे की भी सड़क है और व्यापारियों की समस्या सबसे बड़ी मुझे दिखाई दे रही है, हमारा सिसवा नगर पंचायत काफी पुराना है लेकिन व्यापार यहां का घटता गया, इसके पीछे कारण क्या है इसके लिए काम करूंगा ताकि व्यापार बढ़े, यहां लोगों का आवागमन बढ़े, तहसील की समस्या है, सोगीबरवां एक ऐसी जगह है जो विकास से अभी अछूता है वहां काम करना है, युवाओं के लिए काम करना है, रोजगार कैसे मिले, महिलाओं के लिए कि किस प्रकार उनका सम्मान बढ़े, सुरक्षा बढ़े, जो मेरे ध्यान में है, उस पर मुझे काम करना है।
 

सिसवा को टाउन एरिया से नगरपालिका बना दिया, तो क्या नगरपालिका से विकास हो गया है
      मुझे नहीं लगता कि नगरपालिका से सिसवा का कोई विकास हुआ है, क्योंकि बाहरी लोगों का आवागमन नहीं है, नगर पंचायत था तब भी 17 गांव जो सम्मिलित हुए हैं वहीं के लोग आते जाते थे, विकास तो पहले होता था  ग्रामपंचायत थी तो उनके पास अपने अधिकार थे, उनके पास अपनी योजनाएं थी, बजट थी, मनरेगा योजना चलती थी, अब तो हजारों मजदूर बेरोजगार हो गय हैं, मैं खुद इस चीज को देखा हूं, नगरपालिका बनने से विकास या फिर कोई सिसवा का फायदा नहीं हुआ है, यह तहसील बना होता तो विकास जरूर हुआ होता, जो यहां थे वह तो सरकार में है उनको ऊपर काम करना चाहिए था नगरपालिका बनाना विकास की श्रेणी में नहीं कहा जाएगा, इससे कोई फायदा नहीं हुआ, बल्कि लोगों का नुकसान हुआ है, मैं जरूर तहसील बनाने का प्रयास करूंगा, मेरी पहली प्राथमिकता रहेगी सिसवा तहसील बने।
लेकिन नुकसान क्या हुआ नगरपालिका बनने से
    आप जाए जो मजदूर वर्ग है उन से पूछिए, उनका क्या नुकसान हुआ है, कम से कम मनरेगा की मजदूरी करते थे उनको जो ₹200 रोज मिलता था वह बंद हो गया, अब तो दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं, 16 गांव के मनरेगा मजदूर बेरोजगार हो गए है, वहां जो जनप्रतिनिधि थे ग्राम प्रधान के रूप में अच्छे से विकास करते थे, सीधे लोगों की उन तक पहुंच होती थी, नगर पालिका बनने से सिसवा का कोई विकास नहीं हुआ, मुझे नहीं लगता है कि कोई विकास की श्रेणी में आएगा, इन लोगों का इससे कोई फायदा नहीं है।
 आपकी प्राथमिकता क्या है
   मेरी प्राथमिकता सिसवा को तहसील बनाने का है, ठीक है नगरपालिका भी हो गया, तू उससे नुकसान भी हुआ है, तहसील से ही फायदा होता, तहसील से बाहरी लोग आते, देखिए खड्डा व निचलौल नगर पंचायत है, खड्डा मार्केट से बड़ा मार्केट सिसवा बाजार का है लेकिन वही की वही है, जनप्रतिनिधि इस पर ध्यान नहीं दिए, कोई उनका उद्देश्य रहा होगा, उनकी उदासीनता चाहे जो भी।

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