सिसवा बाजार-महराजगंज। सिसवा विकास खण्ड के ग्राम रामपुर खुर्द में मनरेगा योजना में बिना इंटरलाकिंग के ही लाखों का घोटाला सामने आने के बाद अधिकारी अब अपने गले को बचाने में लग गये है, UP ONE INDIA NEWS ने इसे प्रमुखता से खबर चलायी तो जांच शुरू हो गयी लेकिन लगता है जांच की आड़ में बचाने का खेल शुरू हो गया है, जांच के लिए टीए पहुंचे लेकिन बगल के इंटरलाकिंग की जांच कर उसे ही प्रा0 पाठशाला वाली इंटरलाकिंग बताने लगे, गांव के लोगों ने जब पुछा कि प्रा0 पाठशाला तो बहुत दूर है वह इंटरलाकिंग कहां है तो उन्होने कहा जिस की जांच के लिए हमें यहा भेजा गया है वही हम कर रहे है, वही खण्ड विकास अधिकारी ने जांच कराने की बात कही है, अब देखने है इस खेल का खुलासा होगा या फिर,,,
मिली जानकारी के अनुसार सिसवा विकास खण्ड के ग्राम रामपुर खुर्द में मनरेगा योजना से सत्र 2020/21 में विशुनपुरा टोले पर प्रा0 पाठशाला से बेचन के खेत तक इंटरलाकिंग का कार्य कराया गया, जिस पर दिनांक 19-09-20 से 02-10-20 तक दो मस्टरोल संख्या 13439 व 13440 पर कुल 29557 रूपया मजदूरी खर्च किया गया, व तीन फर्मों क्रमशः 116483 रूपया, 84584 रूपया व 134520 रूपया का भुगतान मनरेगा वेवसाइट पर दर्ज है। यानी मजदूरी और सामग्री पर कुल 365144 रूपया खर्च किया गया लेकिन यहां आज तक इंटरलाकिंग सड़क बनी ही नही।
गांव वालों से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले की जांच करने टीए पहुचें लेकिन प्रा0 पाठशाला से शुरू होने व बेचन के खेत तक के बनने वाले इंटरलाकिंग की जगह बेचन के खेत से गांव की तरफ जाने वाली इंटरलाकिंग की जांच कर उसे ही सही ठहराने लगे, कि यहां प्रा0 पाठशाला से नही बल्कि बेचन के खेत से कार्य शुरू हुआ है।
अब सवाल उठता है प्रा0 पाठशाला से बेचन के खेत तक बनने वाली इंटरलाकिंग अगर उल्टे बेचन के खेत से प्रा0 पाठशाला की तरफ ही बनी है तो दिखाई क्यों नही दे रही है, जिस इंटरलाकिंग को टीए द्वारा नापा जा रहा था वह तो बेचन के खेत से गांव की तरफ की है, लोगों का कहना है कि जांच तो शुरू हो गयी है लेकिन इस में अब बचाव का खेले शुरू हो गया है, प्रा0 पाठशाला से बेचन की इंटरलाकिंग है ही नही और बगल की इंटरलाकिंग को ही प्रा0 पाठशाला वाली इंटरलाकिंग साबित करने का प्रयास शुरू हो गया है, जिससे मामला को दबाया जा सके।
इस मामले में खण्ड विकास अधिकारी स्वेता मिश्रा से जब बात की गयी तो उन्होने भी वही बात कही कि इंटरलाकिंग प्रा0 पाठशाला से बेचन के खेत तक की जगह उल्टो बेचन की खेत से प्रा0 पाठशाला की तरफ 80 मीटर बना है, लेकिन जब यह कहा गया कि बेचन की खेत से प्रा0 पाठशाला की तरफ कोई इंटरलाकिंग ही नही बनी है तो फिर जांच कराने की बात कही।
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