जम्मू । अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर में तीन दिवसीय दौरे के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह श्रीनगर पहुंच गए हैं। दौरे के पहले दिन अमित शाह जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर और संयुक्त अरब अमीरात के शारजाह के बीच पहली सीधी अंतरराष्ट्रीय उड़ान की शुरुआत करेंगे। इससे पहले शाह ने 2019 में गृह मंत्री बनने के ठीक बाद जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था। तीन दिवसीय दौरे में वह जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा हालात की समीक्षा के साथ ही विभिन्न विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे।
शहर में जवाहर नगर स्थित भारतीय जनता पार्टी कार्यालय के चारों ओर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। शेर ए कश्मीर इंटरनेशनल कंवेशन सेंटर जाने वाली सड़कों को शनिवार से 3 दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। इसके अलावा, घाटी में हाल में हुईं आम नागरिकों की हत्याओं के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 50 कंपनियों को जम्मू-कश्मीर में तैनात किया गया है। शहर के कई इलाकों में और घाटी के अन्य हिस्सों में अर्द्धसैनिक बलों से युक्त बंकर बनाए गए हैं।
वहीं खास जोर हालिया टारगेट किलिंग की घटनाओं को भविष्य में रोकने और आतंकवाद को जड़ से कुचलने पर होगा। श्रीनगर में गृह मंत्री शारजाह के लिए सीधी विमान सेवा का शुभारंभ करेंगे। दौरे के मद्देनजर जम्मू और श्रीनगर में भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। दोनों ही जगह ड्रोन से भी निगरानी हो रही है। सुरक्षा संबंधी बैठकों में गृह मंत्रालय के साथ ही विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों एनआईए, आईबी, सीआरपीएफ, बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी भी श्रीनगर पहुंच चुके हैं।
इस बीच उप राज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बैठकें कर जम्मू व श्रीनगर में कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया। जम्मू में गृह मंत्री 24 अक्तूबर को रहेंगे। यहां वह भगवती नगर में सभा को संबोधित करेंगे। लाभार्थी सम्मेलन में केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के 80 लाभार्थियों को प्रमाणपत्र और योजना से जुड़े दस्तावेज सौंपेंगे। आईआईटी जम्मू के नए ब्लॉक का उद्घाटन करने के साथ ही विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात का कार्यक्रम भी प्रस्तावित है।
शुक्रवार को रैली स्थल पर केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने अधिकारियों के साथ तैयारियों का जायजा लिया। श्रीनगर सचिवालय में सुरक्षा एजेंसियों व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर उप राज्यपाल मनोज सिन्हा व डॉ. जितेंद्र सिंह ने कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया। श्रीनगर के एसकेआईसीसी में सुरक्षा बैठकों के साथ ही लाभार्थी सम्मेलन होगा।
विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात का कार्यक्रम भी प्रस्तावित है। इस बीच बीएसएफ के डीजी पंकज कुमार सिंह भी शुक्रवार को श्रीनगर पहुंच गए हैं। डल झील के आसपास के इलाकों में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। पूरे डल इलाके को सुरक्षा छावनी में तब्दील कर दिया गया है। सुरक्षाबलों की गश्त बढ़ा दी गई है।
जम्मू में आयोजित रैली को सरकारी रूप दिया गया है। रैलीस्थल पर लाभार्थी सम्मेलन की वजह से किसी प्रकार का पार्टी का कोई कार्यक्रम नहीं होगा। न तो झंडे लगेंगे और न ही किसी प्रकार का अन्य आयोजन होगा। रैली स्थल पर स्क्रीन टीवी लगाए गए हैं ताकि रैली में पहुंचे लोगों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न होने पाए।
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