लखनऊ । बाराबंकी में दबिश देकर आरपीएफ के इंस्पेक्टर और उसके कारखास कहे जाने वाले सिपाही को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित इंस्पेक्टर के पास से 63 हजार रुपये भी बरामद किए हैं। इस संबंध में सीबीआइ ने लखनऊ में मुकदमा किया है।
कोतवाली नगर के बंकी में रहने वाले गुफरान खाद और सीमेंट की आने वाली रैक को उतारने वाले श्रमिकों के ठेकेदार हैं। आरोप है कि आरपीएफ के कर्मी उससे प्रति रैक एक हजार रुपये वसूलते थे, लेकिन जब से नए आरपीएफ निरीक्षक अखिलेश यादव आए थे वह प्रति रैक तीन हजार रुपये मांगने लगे। प्रताड़ित होने पर उसने दो दिसंबर को लखनऊ स्थित सीबीआइ कार्यालय में शिकायत की थी। इसी प्रकरण में सीबीआइ टीम ने पीड़ित के साथ आपरेशन की रणनीति बनाई और चार दिसंबर की रात आरपीएफ के निरीक्षक व सिपाही आशुतोष तिवारी को गिरफ्तार कर लिया गया।
गुफरान ने बताया कि शिकायत के दूसरे दिन तीन दिसंबर को सीबीआइ की टीम बाराबंकी में आकर मिली थी और प्रकरण की जांच की थी। इसके बाद चार दिसंबर को दोबारा पहुंची। रणनीति के तहत ही गुफरान ने आरपीएफ निरीक्षक से लेनदेन की बात करते हुए मोलभाव किया और यह सभी बातें सीबीआइ टीम गुफरान के पास लगे रिकार्डर से सुन व रिकार्ड कर रही थी। इसके बाद टीम ने गिरफ्तारी की और गुफरान ने जो 63 हजार रुपये दिए थे वह भी बरामद किया। कोतवाली में दो घंटे पूछताछ आरपीएफ इंस्पेक्टर व उनके कारखास सिपाही को लेकर सीबीआइ की टीम शनिवार देर रात कोतवाली नगर पहुंची। दस सदस्यीय टीम ने कोतवाली में करीब दो घंटे तक दोनों से पूछताछ की। एएसपी उत्तरी पूर्णेंदु ङ्क्षसह ने बताया कि भ्रष्टाचार से संबंधित मुकदमा लखनऊ में लिखा गया है।
सूत्रों के अनुसार आरपीएफ इंस्पेक्टर और सिपाही को गिरफ्तारी के बाद निलंबित कर दिया गया है। दोनों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।


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