अगले 20 दिनों तक करीब 1100 ट्रेनें रद्द करने का फैसला लिया है
नई दिल्ली । देश में कोयला संकट के चलते अगले 20 दिनों तक रेलवे ने कम से कम 1100 ट्रेनें रद्द करने का फैसला लिया है। इससे यात्री समेत व्यापारी वर्ग भी परेशान है। देश के कई हिस्सों में बिजली उत्पादन संयंत्र कोयला संकट का सामना कर रहे हैं। रेलवे ने इससे निपटने के लिए और कोयले की आपूर्ति के लिए रेलवे ने 15 फीसदी अतिरिक्त कोयले का परिवहन कर रही है। इसी सिलसिले में रेलवे ने अगले 20 दिनों तक करीब 1100 ट्रेनें रद्द करने का फैसला लिया है। इसमें मेल एक्सप्रेस और पैसेंजर दोनो ट्रेनें शामिल किया गया है। एक्सप्रेस ट्रेनों की 500 ट्रिप, जबकि पैसेंजर ट्रेनों की 580 ट्रिप्स रद्द की गई हैं।
रेलवे के अनुसार इन गाडिय़ों को इसलिए रद्द किया गया है, ताकि थर्मल पावर प्लांट को सप्लाई किए जा रहे कोयले से लदी मालगाडिय़ों को आसानी से रास्ता दिया जा सके, जिससे कोयला समय पर पहुंच सके। रेलवे ने इससे पहले भी अगले एक महीने तक 670 पैसेंजर ट्रेनों को रद्द कर दिया है। ताकि कोयला ले जा रही माल गाडिय़ों के फेरों को बढ़ाया जा सके। इसके चलते छत्तीसगढ़, ओडि़शा, मध्य प्रदेश और झारखंड जैसे कोयला उत्पादक राज्यों से आने-जाने वाले लोगों को काफी असुविधा हो रही है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडि़शा समेत कई राज्यों में कोयले संकट की वजह से बिजली समस्या पैदा हो गई थी। इसके बाद सरकार ने कई बैठकें की। कई राज्यों में बिजली कटौती भी की गई, जिसके चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
देश में इस साल भीषण गर्मी पड़ रही है और इस कारण अप्रैल के महीने से ही बिजली की मांग बहुत बढ़ी हुई है। बिजली की मांग बढऩे से कोयले की खपत भी बढ़ गई है। यही वजह हैं कि अब पावर प्लांट्स के पास कुछ ही दिनों का कोयला रह गया है इसकी वजह से देश में बिजली संकट खड़ा हो गया है। इस स्थिति से बचने के लिए रेलवे ने अपनी ओर पूरा सहयोग देने का प्रयास शुरू कर दिया है। देश में कोयले की ढुलाई का काम सबसे अधिक रेलवे द्वारा ही किया जाता है।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके त्रिपाठी के अनुसार, हम कह सकते हैं कि पिछले साल से कोयले की मांग और खपत में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अप्रैल 2022 के महीने में, हमने अप्रैल 2021 की तुलना में 15 फीसदी अधिक कोयले का परिवहन किया है। कोयले की मांग और खपत पिछले साल की तुलना में काफी बढ़ गई है, इसलिए हम अधिक मात्रा में कोयले का परिवहन कर रहे हैं। हम मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की तुलना में अतिरिक्त कोयला रेक और उच्च प्राथमिकता पर संचालित कर रहे हैं।
वहीं इस मसले पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने भी माना था कि कई राज्यों में कोयले की कमी है। उन्होंने कहा था, रूस यूक्रेन युद्ध के चलते कोयले के आयात पर असर पड़ा है।
इसके अलावा बताया जा रहा है कि झारखंड में कोल कंपनियों को बकाया रकम न देने और हड़ताल के चलते कोयला संकट पैदा हुआ है।
More Stories
PM Vishwakarma Yojana 2023 : PM Modi देश को देंगे बड़ी सौगात, लॉन्च करेंगे PM Vishwakarma Yojana, जानिए किसे मिलेगा फायदा, कैसे करे आवेदन
Uproar in the Kerala High Court : जेल से सजा काटकर शख्स पहुंचा कोर्ट, जज पर भड़का, भरी अदालत में अमर्यादित भाषा में बात की और अपशब्द भी कहें, जानें पूरा मामला
Blow To Common Man – आम आदमी को झटका : देश के इन चार बड़े बैंक ने सभी तरह के लोन पर ब्याज दरें बढ़ाई