September 8, 2024

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उड़ता ताबूत बना मिग-21, एक साल में पांचवीं बार हादसे का हुआ शिकार

             

उड़ता ताबूत बना मिग-21, एक साल में पांचवीं बार हादसे का हुआ शिकार

नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना का एक मिग-21 बाइसन बीती शाम राजस्थान में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस साल बाइसन से जुड़ी यह पांचवीं दुर्घटना है। वायु सेना ने बताया है कि दुर्घटना में पायलट विंग कमांडर हर्षित सिन्हा की मौत हो गई है। वायुसेना के मुताबिक यह विमान बीती शाम करीब 8 बजे के आसपास पश्चिमी सेक्टर में हादसे का शिकार हो गया। भारतीय वायुसेना ने घटना की जांच के आदेश भी दे दिए हैं। यह विमान इतनी बार हादसे का शिकार हो चुका है कि इसे उड़ता ताबूत भी कहा जाने लगा है।
      दुर्घटना ने एक बार फिर भारत के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले लड़ाकू विमान, इसके सुरक्षा रिकॉर्ड और आने वाले सालों में पुराने जेट को नए के साथ बदलने की भारतीय वायुसेना की योजना पर ध्यान केंद्रित किया है। बाइसन विमान भारतीय वायुसेना मिग-21 का लेटेस्ट वैरिएंट है। वैसे तो इन विमानों को सेना से रिटायर करने का प्रस्ताव दे दिया गया था लेकिन विमानों के आभाव के कारण ऐसा नहीं हुआ। लेकिन अब माना जा रहा है कि अगले तीन से चार सालों में इनको वायुसेना से हटा दिया जाएगा।
      भारतीय वायु सेना फिलहाल मिग -21 बाइसन विमान के चार स्चड्रन को संचालित कर रहा है। इसमें एक स्चड्रन में 16 से 18 फाइटर जेट रहते हैं। मिग-21 भारत में बहुत पहले से अपनी सेवा दे रहा है। साल 1963 में वायु सेना को सोवियत संघ (रूस) से सिंगल-इंजन वाला मिग-21 विमान मिला था। वायुसेना में शामिल किए 874 मिग विमानों के वैरिएंट में से 60 फीसदी भारत में तैयार किए गए।
      पिछले छह दशकों में 400 से अधिक मिक-21 दुर्घटना के शिकार हुए हैं और इसमें 200 से अधिक पायलटों की जान गई है। मिग-21 को फ्लाइंग कॉफिन भी कहा जाता है। विशेषज्ञों की माने तो बाकी लड़ाकू विमानों की तुलना में मिग-21 अधिक हादसे का शिकार हुए हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यह काफी लंबे समय से वायुसेना का हिस्सा हैं।

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