भोपाल। राजधानी में पहली बार स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक दिन में 45 से ज्यादा अस्पतालों में छापामार कार्रवाई की है। यह छापामार कार्रवाई किसी भी तरह की गड़बड़ी के मामले में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। सुबह नौ बजे से शुरु हुई छापामार कार्रवार्ठ देर शाम तक जारी रही। जानकारी के अनुसार मंगलवार सुबह नौ बजे पिपलानी, भेल क्षेत्र, रायसेन रोड, अशेाका गार्डन, करोद और पुराने भोपाल के लगभग 45 निजी अस्पतालों में एनएचएम और स्वास्थ्य विभाग की 20 संयुक्त टीमों ने छापे मारे। इस कार्रवाई के पीछे आयुष्मान भारत निरामय योजना में गड़बड़ी की शिकायतें आधार थीं। हालांकि कार्रवाई में सिर्फ अस्पतालों में तमाम तरह के दस्तावेज जब्त किए गए हैं। विभाग अपनी जांच को आगे जारी रखेगा।
स्वास्थ्य संचालनालय के अधिकारियों ने बताया कि कोविड काल में कुकुरमुत्ते की तरह खुले नए अस्पतालों की सबसे ज्यादा शिकायतें आ रही हैं। इसलिए हमने सभी शिकायतों को एनालिसिस कराया। जिसमें पाया गया कि अमूमन सभी शिकायतें एक जैसी हैं। पिछले दो साल में भोपाल में 300 से ज्यादा नए प्राइवेट अस्पताल खुले हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम में शामिल अधिकारी ने बताया कि सभी निजी अस्पतालों ने नए एजेंट रखना शुरु कर दिए हैं। जो स्लम एरिया में रहने वाले गरीब लोगों के आयुष्मान कार्ड बनवाते हैं और उन्हें असपताल में फर्जी तरीके से भर्ती कराते हैं। इसके बदले में कुछ राशि फर्जी मरीज को भी दे दी जाती है।

छापामार कार्रवाई में शामिल स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि कार्रवाई के दौरान निजी अस्पतालों के कम्प्यूटर से जो डाटा मिला है, वह चौंकाने वाला है। यहां कई ऐसे लोगों के नाम दर्ज हैं, जो कभी अस्पताल में भर्ती ही नहीं हुए। इसके अलावा जो कुछ मरीज भर्ती हुए हैं तो उनकी छोटी सी बीमारी को बड़ा बताकर सरकार से ज्यादा राशि का क्लेम अस्पताल संचालकों द्वारा किया गया है। इस तरह की गड़बडिय़ां कई अस्पतालों में सामने आई हैं। इनकी शिकायतें मिल रही थीं जिस पर कार्रवाई की गई है।
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