रांची । बिरसानगर थाना क्षेत्र के विजय गार्डन स्थित केदारनाथ अपार्टमेंट के 10वीं मंजिल से कूद अभिजीत मजूमदार (40) नामक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली। उसी अपार्टमेंट में मृतक के भाई अभिषेक मजूमदार रहते हैं। मृतक की मां का दो माह पूर्व देहांत हुआ था। स्थानीय लोगों ने शव देख इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
मृतक के भाई भी मौके पर पहुंचे अभिषेक मजूमदार ने बताया अभिजीत अपनी पत्नी नीलाक्षी मजूमदार से अलग रहता है। उनकी एक 12 साल की बेटी भी है। भाई की पत्नी नीलाक्षी टाटा मोटर्स में कर्मी है। भाई कहां रहता था, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। दो माह पूर्व मां का निधन होने पर वह श्राद्ध कर्म में घर आया था। इधर, पुलिस ने अपार्टमेंट में लगे सीसीटीवी फुजेट को खंगाला। सीसीटीवी फुजेट में अभिजीत सुबह 5.09 में लिफ्ट के माध्यम से छत पर जाते हुए दिखा। वहां कुछ देर रुकने के बाद 5.36 बजे उसने छत से छलांग लगा दी। पुलिस आत्महत्या का कारण पारिवारिक विवाद मान रही है।
एक समय रंजीत का परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। उसके पिता पर बड़े परिवार को चलाने की जवाबदेही थी। रंजीत के बड़े भाई जयराम शर्मा की हत्या के बाद परिवार कई साल तक सदमे में रहा था। लेकिन शिक्षण संस्थानों में दाखिला दिलाने का काम शुरू करने के बाद कुछ सालों में ही परिवार की स्थिति बदल गई। आज रंजीत के पास महंगी लग्जरी कारें हैं। रंजीत का परिवार लंबे समय तक रंजीत का परिवार लंबे समय तक आदित्यपुर शिवमंदिर स्थित एनआईटी कर्मियों के चर्टर हाउसिंग कॉलोनी में रहा। रंजीत का परिवार अब हरिअेाम नगर जानकी अपार्टमेंट रोड में नए मकान में रहता है। एनआईटी जमशेदपुर के समीप इस परिवार की चार-पांच दुकानें हैं। उसने चार साल पहले आदित्यपुर कांड्रा मेन रोड पर व्यवसायिक जमीन को चार करोड़ में खरीदा था। रंजीत बिल्डिंग और जमीन का कारोबार भी करता। रंजीत के पिता एनआईटी जमशेदपुर में ड्राफ्ट्स मैन पद से रिटायर हुए हैं।
उन्होंने रंजीत को इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए बेंगलुरू भेजा। पढ़ाई के दौरान ही वह इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन कराने वाले गिरोह के संपर्क में आया। अपने परिचितों के बच्चों का एडमिशन कराने लगा। देखते ही देखते वह मुन्नाभाई बन गया। पेपर सॉल्व करके उसने करोड़ों की संपत्ति बनाई। रंजीत आदित्यपुर मेन रोड स्थित ईडीयू इंडिया नामक कंसल्टेंसी का संचालक है। 10 साल पहले उसने यहां कंसल्टेंसी खोली थी। वह फिलहाल पुणे में रहकर अपना सिंडिकेट चलाता है। इंजीनियरिंग कॉलेजों में नामांकन के खेल में रंजीत के मददगार सोनू ठाकुर को गुरुवार को सीबीआई की टीम हिरासत में लेकर रांची ले गई। सीबीआई की पूछताछ में सोनू ठाकुर ने रंजीत के लिए काम करने की बात कही थी। सोनू और रंजीत रिश्तेदार है।
More Stories
PM Kisan Yojana 2024- मोदी 3.0 सरकार ने किसानों के लिए किया बड़ा एलान, इस दिन जारी होगी पीएम किसान योजना की 17वीं किस्त
Heat Wave Alert – कई राज्यों में भीषण गर्मी का अलर्ट, लू से राहत के आसार नहीं
CBSE Board Result 2024 : विद्यार्थियों के लिए बड़ी खबर – जानें कब आएगा CBSE बोर्ड का रिजल्ट