उरई। परिवार नियोजन योजना के तहत टिमरों निवासी एक महिला ने कस्बा कोटरा मे लगे शिविर मे नसबन्दी करायी थी। जिसके लगभग आठ वर्ष बाद उक्त महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया। जिसको लेकर महिला ने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुये अतिरिक्त मजिस्ट्रेट गुलाब सिंह को शिकायती पत्र सौपते हुये असफल हुयी नसबन्दी पर मुआवजा दिलवाने की मांग की।
विकास खण्ड डकोर क्षेत्र के ग्राम टिमरो निवासी उमाकांती पत्नी सुरजीत ने अतिरिक्त मजिस्ट्रेट को शिकायती पत्र सौंपते हुये बताया कि पीड़िता ने वर्ष 2012 मे परिवार नियोजन योजना के तहत कस्बा कोटरा मे लगाये गये शिविर मे नसबन्दी करायी थी। इसके बावजूद भी लगभग आठ वर्ष बाद 2020 मे पीड़िता ने एक बच्ची को जन्म दिया। इससे उसने स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया। नसबन्दी के बाद हुयी बच्ची को लेकर पीड़िता व उसका परिवार परेशान है और बच्ची के भविष्य को लेकर चिंतित दिखाई दे रहा है। इतना ही नहीं पीड़िता का परिवार अनन्त गरीब होने के कारण वो उसके भरण पोषण एवं शादी विवाह कराने को लेकर खासा परेशान नजर आ रहा है। उसने उक्त समस्या से निजात पाने के लिये मांग की है कि चिकित्सकों द्वारा की गयी लापरवाही के कारण असफल हुयी नसबन्दी का उचित मुआवजा दिलाया जाये जिससे बच्ची का भविष्य सुरक्षित हो सके।



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