नई दिल्ली । ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की एशेज सीरीज में इंग्लैंड की टीम को 4-0 से करारी हार का सामना करना पड़ा है। इंग्लैंड की टीम इस ऐतिहासिक सीरीज में क्यों इतनी बुरी तरह हारी, इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह बल्लेबाजी रही है। इंग्लैंड का कोई भी बल्लेबाज एशेज सीरीज में सफल नहीं हो सका। यहां तक कि इंग्लैंड की तरफ से एकमात्र शतक दस पारियों में लगा, जब जॉनी बेयरेस्टो ने चौथे मैच में 113 रन की पारी खेली थी।
इंग्लैंड की एक के बाद एक हार का सबसे बड़ा कारण टीम की ओपनिंग जोड़ी भी रही, जिसने हर मैच में निराश किया। यही कारण है कि अब इंग्लैंड की टीम के ओपनर बल्लेबाज रोरी बर्न्स का करियर खत्म हो सकता है। रोरी बर्न्स को इंग्लैंड की टीम में काफी मौके मिले हैं, लेकिन वे इन मौकों को भुनाने में सफल नहीं हो सके हैं। उनके अलावा जैक क्राउले और हसीब हमीद भी एशेज सीरीज में फ्लॉप साबित हुए हैं।
हालांकि, रोरी बर्न्स के करियर पर खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि वे इस समय 31 साल के हैं और अगर बार ड्रॉप किए जाते हैं तो उनके लिए वापसी करना मुश्किल होगा। जैक क्राउले और हसीब हमीद के आंकड़े भी शर्मनाक हैं, लेकिन उनकी उम्र अभी कम है और वे वापसी कर सकते हैं। हालांकि, रोरी बर्न्स के साथ ऐसा कुछ नहीं है। उनकी उम्र भी ज्यादा है और वापसी करने के लिए उनको कम से कम एक दो सीजन इंग्लैंड में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में खेलने होंगे।
रोरी बर्न्स ने अब तक नवंबर 2018 से 32 टेस्ट मैच खेले हैं। इनकी 59 पारियों में वे 1789 रन बना सके हैं। तीन शतक और 11 अर्धशतक उनके बल्ले से निकले हैं, लेकिन उनका औसत महज 30.32 का है। एशेज सीरीज के 3 मैचों की 6 पारियों में वे महज 77 रन बना पाए हैं। किसी भी टेस्ट टीम को सफल बनाने में सलामी बल्लेबाजों का हाथ होता है, लेकिन इंग्लैंड की टीम काफी समय से इस समस्या का सामना कर रही है।
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