सिसवा बाजार-महराजगंज। कोठीभार थाना क्षेत्र के ग्राम राजबल मदरहा निवासी ग्राम प्रधान पुत्र एवं गैस एजेंसी के प्रोपराइटर अमित हत्याकांड के मामले में न्यायालय ने घटना के 4 साल बाद पुलिस अधीक्षक को पुनः निष्पक्ष विवेचना करा कर आख्या रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत करने कहां है।
ज्ञातव्य हो कि पूर्व ब्लाक प्रमुख एवं ग्राम राजबल मदरहा ग्राम प्रधान दुर्गावती देवी एवं लेखपाल अशोक कुमार के बड़े पुत्र अमित गैस एजेंसी के प्रोपराइटर अमित कुमार को 21 मई 2017 को दोपहर लगभग 1 बजे ग्राम ग्राम रजवल मदरहा से कोठी भार नहर तक जाने वाली चकरोड पर रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाया गया था। उस समय परिवार के सदस्यों ने यह बताया कि अमित को मोबाइल संदेश के माध्यम से उस दिन लगभग दिन में 12 बजे किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा बुलाया गया था । अमित के घर से मोटरसाइकिल द्वारा निकलने के 1 घंटे बाद उन्हें मृत हालत में उपरोक्त स्थान पर पाया गया था। यह घटना लगभग 1 माह से अधिक मीडिया एवं राजनीतिक क्षेत्रों में चर्चा का विषय बना रहा। तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं ने पीड़ित परिवार से मिलकर सांत्वना देने के साथ ही घटना की सीबीआई जांच कराए जाने की मांग की थी। इसी के साथ यह मामला राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग तक बी पहुंचा। घटना वाले स्थान पर मृतक की मोटरसाइकिल चप्पल मौजूद मिला। लेकिन अंगूठी एवं गले के सोने का चौन गायब होने के साथ ही मृतक के शरीर पर कई चोट के निशान भी मिले थे। कोठीभार पुलिस ने इस मामले में अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 302 एवं 401 के तहत हत्या एवं लूट का मुकदमा पंजीकृत तो कर लिया। लेकिन इतने बड़े चर्चित घटना को दुर्घटना बता कर मामले बंद कर आख्या न्यायालय को भेज दिया, परन्तु पुलिस की इस दुर्घटना वाली कहानी और परिस्थिजन्य साक्ष्य में विरोधोभाष होने के कारण वादी पुलिस रिपोर्ट से संतुष्ट न होकर पुलिस की अंतिम रिपोर्ट को न्यायालय में चुनौती दिया ।
पीड़ित परिवार की ओर से न्यायालय में इस घटना की पैरवी कर रहे अधिवक्ता प्रशांत श्रीवास्तव द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों के आधार पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट महाराजगंज ने अपने आदेश में पुलिस विवेचना को दूषित मानते हुए पुलिस की अंतिम आख्या संख्या 1/ 2018 को निरस्त कर पुलिस अधीक्षक महराजगंज को पुनः अग्रिम विवेचना किसी सक्षम व तटस्थ विवेचक से करा कर आख्या न्यायालय में प्रस्तुत करने का आदेश दिया है ।
न्यायालय के उपरोक्त आदेश से कंही न कंही तत्कालीन कोठीभार पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है ।
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