January 13, 2025

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PM मोदी ने आज गोरखपुर को सौंपी एम्स और उर्वरक कारखाने की सौगात

 

         गोरखपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज गोरखपुर में हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड के उर्वरक कारखाना और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) सहित कुल 9600 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की विकास की कुछ अन्य परियोजनायें राष्ट्र को समर्पित किया।
       उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में उर्वरक कारखाने और एम्स के अलावा आईसीएमआर के रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर का लोकार्पण किया, यह सभी परियोजनाएं आत्मनिर्भर भारत को खाद्य सुरक्षा तथा स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान करेंगी।
    लगभग 598 एकड़ में स्थापित खाद कारखाने की लागत 8,603 करोड़ रुपए है। इस संयंत्र की क्षमता 2,200 मीट्रिक टन लिच्डि अमोनिया तथा 3,850 मीट्रिक टन नीम कोटेड यूरिया के प्रतिदिन उत्पादन है। यह खाद कारखाना 12.7 लाख मीट्रिक टन प्रिल्ड नीम कोटेड यूरिया का वार्षिक उत्पादन करेगा। मोदी ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि 30 साल से बंद पड़े गोरखपुर उर्वरक कारखाने को फिर से शुरु किया जा रहा है।
      उन्होंने इस पर खुशी का इजहार करते हुये कहा कि इस संयंत्र के शुरु होने से उर्वरक उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी।
      प्रधानमंत्री के यात्रा कार्यक्रम के अनुसार मोदी दोपहर गोरखपुर पहुंचे। हवाईअड्डे से वह दोपहर एक बजे आयोजन स्थल पर पहुंचें। यहां वह 2.20 बजे तक एम्स और उर्वरक कारखाने का लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री तीन बजे गोरखपुर से दिल्ली के लिये रवाना हो जायेंगे।
      प्रवक्ता ने बताया कि नवनिर्मित एम्स की अनुमोदित लागत 1,011 करोड़ रुपए है। इसकी स्थापना 112 एकड़ क्षेत्र में की जा रही है। इस उच्चस्तरीय विशेषज्ञ चिकित्सा संस्थान के माध्यम से मरीजों को उत्कृष्ट चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी। इसमें गोरखपुर एम्स 14 अत्याधुनिक मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर, उच्च श्रेणी के नवीनतम सीटी, एमआरआई, डायलिसिस मशीन, सी-आर्म मशीन सहित अनेक मेडिकल उपकरणों एवं सुविधाओं से युक्त है।
      इसके अलावा गोरखपुर में स्थापित किए जा रहे भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के रीजनल मेडिकल रिसर्च सेण्टर, इंसेफेलाइटिस, डेंगू, चिकुनगुनिया, कालाजार सहित कोविड-19 जैसी बीमारी के वायरस की पहचान करने तथा उसके उपचार के लिए अनुसंधान को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

 

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