नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने गरीब कल्याण योजना को अगले साल मार्च तक विस्तार देने का फैसला किया है। यह योजना 30 नवंबर को समाप्त हो रही थी, लेकिन सरकार के इस फैसले से उन 80 करोड़ परिवारों को अगले छह महीने तक इस योजना का और लाभ अब मिलेगा, जिन्हें इसके तहत एक निश्चित मात्रा में निःशुल्क चावल, आटा और बुनियादी जरूरत की अन्य चीजें मिलती रही हैं।
पीएम मोदी की अगुवाई में हुई कैबिनेट की बैठक में गरीब कल्याण योजना को मार्च 2022 तक विस्तार देने का फैसला लिया गया। वहीं, उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार ने पहले ही इस योजना की अवधि को मार्च 2022 तक के लिए बढ़ाने की घोषणा की है। यूपी सरकार के इस फैसले को राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए बेहद अहम बताया गया। अब केंद्र सरकार द्वारा इस योजना को विस्तार देने को भी कई राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए रणनीतिक फैसला बताया जा रहा है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की शुरुआत साल 2020 में हुई थी, जब देश कोविड-19 महामारी के भीषण चपेट में था और लॉकडाउन के कारण लाखों परिवारों को काम-धंधे से हाथ धोना पड़ा था। इसके तहत गरीब परिवारों को 5 किलो राशन निरूशुल्क प्रदान किया जाता रहा है। इसके लाभार्थियों की संख्या लगभग 80 करोड़ बताई जाती है। अर्थव्यवस्था के धीरे-धीरे पटरी पर लौटने के संकेत के बीच इस मुफ्त राशन योजना को 30 नवंबर तक ही जारी रखने की बातें सामने आ रही थीं, लेकिन अब सरकार ने इसे मार्च तक बढ़ाने का फैसला लिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सात जून, 2021 को राष्ट्र के नाम सम्बोधन में लोकहित में की गई घोषणा तथा कोविड-19 के संदर्भ में आर्थिक पहलों के हिस्से के रूप में मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई-चरण पांच) को और चार महीने, यानी दिसंबर 2021 से मार्च 2022 तक विस्तार देने को मंजूरी दे दी है।इस योजना का पहला और दूसरा चरण अप्रैल से जून 2020 और जुलाई से नवंबर, 2020 में परिचालन में था। योजना का तीसरा चरण मई से जून, 2021 तक परिचालन में रहा। योजना का चौथा चरण इस समय जुलाई-नवंबर, 2021 के दौरान चल रहा है।पीएजीकेएवाई योजना का पांचवां चरण दिसंबर 2021 से मार्च 2022 तक चलेगा, जिसमें अनुमानित रूप से 53344.52 करोड़ रुपये की अतिरिक्त खाद्य सब्सिडी दी जायेगी।पीएमजीकेएवाई के पांचवें चरण के लिये खाद्यान्न का कुल उठान लगभग 163 लाख मीट्रिक टन होने की संभावना है। देश में अप्रत्याशित रूप से कोविड-19 महामारी फैलने के कारण आने वाले आर्थिक और जनों को देखते हुए मोदी सरकार मार्च 2020 में घोषणा की थी कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत प्रति व्यक्ति प्रति माह के हिसाब से 5 किलोग्राम अतिरिक्त रूप से निशुल्क इलाज चावल या गेहूं दिया जाएगा। जो नियमित मासिक एनएफएसए खाद्यान्न, यानी उनके राशन कार्ड पर नियमित रूप से देय खाद्यान्न से अधिक होगा, ताकि गरीब, जरूरतमंद और जोखिम वाले घरों/लाभार्थियों को आर्थिक संकट के दौरान समुचित अनाज की अनुपलब्धता की वजह से वंचित न होना पड़े। अब तक पीएम-जीकेएवाई (एक से चार चरण तक) के तहत विभाग ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को कुल मिलाकर लगभग 600 लाख मीट्रिक टन का आवंटन किया है, जो लगभग 2.07 लाख करोड़ रुपये की खाद्यान्न सब्सिडी के बराबर है।पीएमजीकेएवाई-चौथे चरण के अंतर्गत वितरण इस समय चल रहा है और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से प्राप्त रिपोर्टों के मुताबिक, अब तक 93.8 प्रतिशत अनाज उठा लिया गया है और लगभग 37.32 एलएमटी(जुलाई 2021 का 93.9 प्रतिशत),37.20 एलएमटी(अगस्त 2021 का 93.6 प्रतिशत),36.87 एलएमटी (सितंबर 2021 का 92.8 प्रतिशत), 35.4 एलएमटी(अक्टूबर 2021 का 89 प्रतिशत)और 17.9 एलएमटी (नवंबर, 2021 का 45 प्रतिशत) अनाज क्रमशः लगभग 74.64 करोड़, 74.4 करोड़, 73.75 करोड़, 70.8 करोड़ और 35.8 करोड़ लाभार्थियों को वितरित किया गया। पहले पूर्ण हुए चरणों के अनुभव को देखते हुए पीएमजीकेएवाई-चरण पांच के प्रदर्शन के बारे में भी यही आशा है कि वह भी पहले के चरणों के उसी उच्चस्तर पर ही कायम रहेगा।कुल मिलाकर पीएमजीकेएवाई चरण एक से पांच में सरकार को लगभग 2.60 लाख करोड़ रुपये का खर्च आयेगा।
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