November 21, 2024

UP One India

Leading Hindi News Website

Maharajganj:Siswa-इंजीनियरिंग का नमूना देखना है तो नौका टोला आए, लाखों खर्च फिर भी नालियों का पानी सड़क पर

 

           सिसवा बाजार-महराजगंज। सिसवा नगर पालिका परिषद मे विकास की तस्वीर देखनी हो तो एक बार नौका टोला से रेलवे लाइन के तरफ जाने वाली सड़क पर जाए, यहां पता चल जाएगा कि विकास की क्या स्थिति है, यहां हालत यह है कि सड़कों पर नालियों का पानी बह रहा है, जिससे पूरे मुहल्ले के रहने वाले परेशान है, जब कि लाखों रूपये खर्च कर ऐसे नाले का निर्माण किया गया जो पानी खिचने की जगह वापस नाली की पानी को वापस ला रहा है, मतलब इंजीनियरिंग का नया फार्मूला भी यहां देखने को मिल जाएगा।
       सिसवा नगर पालिका परिषद में विकास के नाम पर कहीं कही तो बिना काम के ही लाखों रूपये का विकास कार्य किया जा रहा है उसे देखने से साफ लगता है कि जिस कार्य के लिए नाला बना वह तो हो नही रहा है लेकिन उसके निर्माण पर ठेकेदार और अधिकारी काफी खुश हैं , यह खुशी किसा विकास का है यह आप भी जानते होंगे, तो चले आप को बताते है कुछ ऐसे ही विकास की कहानी, जहां लाखों रूपये खर्च कर नाला तो बना लेकिन पानी बहता ही नही, अब इसे क्या कहेंगे?
       नौका टोला व हरिजन बस्ती को बांटने वाला सड़क जो रेलवे लाइन की तरफ जाती है उस सड़क पर नालियों का पानी जमा है, यह समस्या पहले से है जिसे दूर करने के लिए नगर पालिका परिषद ने लाखों रूपया खर्च कर लगभग 300 मीटर सीमेंट वाले नाले का निर्माण करवाया और मुहल्ले वालो से कहा गया कि अब समस्या दूर हो जाएगी और नाले से पानी आगे दूसरे नाले में निकल जाएगा, यहां इंजीनियरिंग का ही बेहतर नमूना देखने को मिल जाएगा क्यों कि नाला बनने के बाद नाली के पानी जाने के बजाय अन्य नालियों का पानी वापस आने लगा, इसे क्या कहेंगे, इंजीनियरिंग का ही नमूना तो है कि पानी जाने की जगह वापस आने लगा, यानी जिस समस्या को सुधारने के लिए लाखों रूपया खर्च किया गया वह समस्या और बड़ी हो गयी, जिससे आज यहां मुहल्ले में सड़कों पर नालियों का पानी जमा है जिससे दर्जनों परिवार परेशान है।
       इंजीनियरिंग का दूसरा नमूना निचलौल बस स्टेशन के पास देखने को मिलेगा जहां पिछले साल लाखों की लागत से नाला बना, मानक की इतनी धज्जियां उड़ायी गयी कि बनने के लगभग 4 माह बाद एक हिसर््सा अपने आप ही ध्वस्त हो गया, यहां सबसे बड़ी बात यह है कि इस नाला में आज तक एक बूंद पानी नही गया, इतना ही नही इस नाला के बीच में एक सड़क भी है जो महिला अस्पताल की तरफ जाती है लेकिन वहां न तो पाइप लगा है और नही पुलिया है, यानी दो भाग में नाला बना है।
     इसे इंजीनियरिंग का नमूना ही तो कहेंगे कि पानी निकले या न निकले लाखों रूपया खर्च कर अधिकारी खुश है कि चलों विकास हो रहा है। विकास कैसा हो रहा है यह तो सोचने वाली बात है।

error: Content is protected !!