सिसवा बाजार-महराजगंज। नाबालिग बच्चों से कार्य न लिया जाए, अगर कोई ऐसा करता है तो उसके उपर कार्यवाही होगी, उनके हाथो मे कलम किताब होनी चाहिए, सरकार ने ऐसा नियम तो बना दिया लेकिन यहां तो खुलेआम 14 से 16 साल के नाबालिग लड़कों से मजदूरी करवायी जा रही है, वह भी ऐसी जगह जहां खण्ड शिक्षा अधिकारी का कार्यालय है और उसी परिसर में यह सब हो रहा है लेकिन कार्यवाही तो दूर कोई देखने वाला नही है।
सिसवा नगर स्थित खण्ड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय परिसर में कस्तुरबा विद्यालय के बगल प्रा0विद्यालय के जर्जर भवन को तोड़ कर जो जानकारी मिल रही है वहां कस्तुरबा के बच्चियों के लिए एक बड़ा हास्टल का निर्माण किया जा रहा है, इस की नींव का कार्य शुरू हो गया है, लेकिन नींव में सेम यानी तृतीय श्रेणी के इंटों को प्रयोग तो हो ही रहा है, सीमेंट वाले मसाले की हालत यह है कि सीमेंट कम सफेद वाला बालू ज्यादा नजर आ रहा है यानी यहां भी मानक की धज्जियां उड़नी शुरू हो गयी है, यहां सबसे बड़ी बात यह है कि 14 से 16 वर्ष के नाबालिग बच्चों से मजदूरी करवयी जा रही है, जिनके कंधों पर किताब के बैग होने चाहिए उनके कंधों पर ईट और सीमेंट की बोझ है, इतना ही नही यहां एक ऐसा ही नाबालिग लड़के को बाकायदा मिस्त्री का कार्य भी करते देखा जा सकता है, अब यही नही समझ में आ रहा है कि जहां तीन नाबालिर्ग इंट और सीमेंट के मसाले को नीव तक पहुंचाने में लगे हुए थे तो वही चौथा नाबालिग मिस्त्री बन कर नींव की चुनाई कर रहा था।
खण्ड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय परिसर में इस तरह निर्माण मे अनियमितता हो रही है और नाबालिग मजदूरी कर रहे है तो सवाल उठता ही है कि स्कूल चलों अभियान का क्या यही असलियत है।
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