नई दिल्ली । दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ.अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली को नशे की राजधानी बनाने वाले अरविन्द केजरीवाल की शराब माफिया से मिलीभगत का ही परिणाम है कि दिल्ली सरकार ने अब दिल्ली में शराब की सभी दुकानों पर शराब बिक्री पर 25 प्रतिशत की छूट देने के आदेश जारी कर दिए है। उन्होंने कहा कि कोविड दिशा निर्देशों और भारी भीड़ और ट्रेफिक जाम के कारण फरवरी में दिल्ली उच्च न्यायालय ने शराब बिक्री पर छूट व एक के साथ एक मुफ्त बिक्री पर रोक लगा दी थी।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि केजरीवाल ने नवरात्रों में शराब की बिक्री पर 25 प्रतिशत की छूट देना लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुॅचा रहे है। उन्होंने कहा कि नई एक्साईज पॉलिसी के बाद दिल्ली में केजरीवाल ने सरकारी शराब की दुकानें बंद करवाकर 849 निजी कम्पनियों को दुकाने अलॉट करके भारी भ्रष्टाचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार अब एनसीआर क्षेत्रों से सस्ती शराब दिल्ली में उपलब्ध करा युवाओं को नशे की ओर धकलने में लगे तथा शराब बिक्री के प्रति उनका लगाव साफ झलक रहा है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार ने कहा कि शिक्षा समाज के उत्थान के लिए एक उपयुक्त साधन है जिससे शक्तिशाली राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है परंतु मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल दिल्ली में बिगड़ते शैक्षणिक स्तर को बेहतर बनाने की बजाय प्रचार और विज्ञापन के जरिए उसे बेहतर दिखाकर दिल्ली के शिक्षा मॉडल का झूठा बखान बखूबी कर रहे है और बाहर से आने अतिथियों को कुछ चुनिंदा स्कूलों का दौरा करवा कर अपनी पीठ स्वयं थपथपा रहे है। उन्होंने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि केजरीवाल आगंतुक अतिथियों को कुछ चुनिंदा स्कूलों सहित मनीष सिसोदिया की विधानसभा क्षेत्र के स्कूल और मौहल्ला क्लीनिक का दर्शन कराते दिखाई देते है।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि केजरीवाल दिल्ली में जिस बेहतर शिक्षा मॉडल को दिखाते है उसकी व्यवस्था ध्वस्त है क्योंकि दिल्ली सरकार के 1067 स्कूलों में 760 पद प्रींसिपलों के खाली पड़े और 479 पद वाईस प्रींसिपलों के खाली है, विद्यार्थियों के लिए शिक्षकों उपलब्धता नाम मात्र है और नए शैक्षणिक वर्ष में 15513 टीचरों तथा 4332 नॉन टीचिंग स्टॉफ के पद खाली है। उन्होंने कहा कि बिना प्रींसिपल, वाईस प्रींसिपल, टीचरों और सहायकों की आधी से भी कम क्षमता के साथ केजरीवाल दिल्ली के बच्चों का कैसे बेहतर भविष्य बना सकता है।
उन्होंने कहा कि मानसिक तनाव और आर्थिक संकट झेल रहे दिल्ली सरकार के स्कूलों में कार्यरत 22000 गेस्ट टीचरों के कंधों पर विद्यार्थियों का बेहतर भविष्य बनाने की जिम्मेदारी है, जो पिछले 8 वर्षों से समान काम-समान वेतन के अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं।चौ. अनिल कुमार ने कहा कि केजरीवाल दिल्ली में बिजनेस ब्लास्टर बच्चों की टीमों का जो ढिढ़़ोरा पीट रहे है उनका रुपहला पर्दा कुछ और कहानी कह रहा है। वोकेशनल स्ट्डीज कराने वाले टीचर भी अपनी नौकरी व अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे है और बिजनेस ब्लास्टर के लिए वही विद्यार्थी आगे बढ़ेंंगे जो स्वयं आर्थिक रुप से सम्पन्न है, गरीब और आर्थिक रुप से मजबूर विद्यार्थियों को कोई मौका नही दिया जा रहा है, क्योंकि सरकार ने कम्पनियों से यही करार किया हुआ हैं। उन्होंने कहा कि अनुभव स्वयं गरीब छात्र साझा कर रहे जो केजरीवाल के बेहतर शिक्षा मॉडल की पोल खोलते है।
चौ. अनिल कुमार ने कहा कि केजरीवाल दिल्ली की जनता जिस स्वास्थ्य सुरक्षा चक्र देने की बात कर रहे है उसकी पोल कोविड महामारी में पहले ही खुल चुकी है कि किस प्रकार उनके मौहल्ला क्लीनिक, पॉलीक्लीनिक और अस्पताल पूरी तरह से असहाय साबित हुए। उन्होंने कहा कि मुश्किल से 2 दर्जन मौहल्ला क्लीनिक के अलावा दिल्ली को किसी भी मौहल्ला क्लीनिक में डाक्टरों व सहायक स्टॉफ की सहूलियते नही है, जनता इलाज के लिए सिर्फ चक्कर ही लगाती रहती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जो पिक्चर केजरीवाल लोगों को दिखा रहे उसकी वास्तविकता बहुत ही भयावह साबित होगी, सब कुछ मुफ्त के नाम पर वोट की राजनीति करने वाले केजरीवाल ने दिल्ली को बर्बाद कर दिया है।
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