February 6, 2025

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पुलिस विभाग में 16 हजार आरक्षकों के पद रिक्त, 4 हजार पदों पर होगी भर्ती

           भोपाल। मध्यप्रदेश के पुलिस महकमे में आरक्षकों के तकरीबन सोलह हजार पद रिक्त हैं। राज्य सरकार ने आरक्षकों के खाली पड़े पदों में से सिर्फ चार हजार पदों को भरने की मंजूरी दी है, लेकिन भर्ती की प्रक्रिया पुलिस विभाग और प्रोफेशन एग्जामिशेशन बोर्ड के बीच उलझी हुई है। आलम यह हे कि बेरोजगार सड़कों पर हैं ओर मध्यप्रदेश के पुलिस विभाग में तीन सालों से कोई भर्ती नहीं हुई है। मध्यप्रदेश में बेरोजगारी की दर तेजी से बढ़ी है। इसका बड़ा कारण कोरोना संक्रमण है, लेकिन भर्ती नहीं होना भी बड़ा कारण है। पुलिस विभाग में आरक्षकों का काम सबसे जिम्मेदारी वाला, संवेदनशील और जमीनी स्तर का होता है। आला अफसरों के पद रिक्त रहने से विभाग की सेहत पर ज्यादा असर नहीं पड़ता है, लेकिन मैदानी अमले की कमी का असर विभाग में दिखाई देता है।

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            आरक्षकों के रिक्त पदों की पूर्ति के लिए पुलिस मुख्यालय ने आठ हजार पदों को एक साथ भरने की अनुमति राज्य सरकार से मांगी थी। सरकार ने महज चार हजार पदों को भरने की स्वीकृति प्रदान की हे, लेकिन चार हजार पदों पर भर्ती करने की मंजूरी दी है। पुलिस मुख्यालय को जिन चार हजार प दों की भर्ती करने की मंजूरी मिली है, यह मामला भी अटका हुआ है। ऐसा इसलिए कि पुरानी सरकार ने प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड को भ्रष्टाचार और गड़बड़ी का अड्डा बताते हुए उसके जरिए भर्ती करने से इनकार कर दिया था। पिछली सरकार ने तय किया था कि पुलिस विभाग की भर्ती पुलिस खुद करेगी। सत्ता परिवर्तन के बाद यह मामला अभी भी फंसा हुआ है।

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               सरकार ने पीएचक्यू को भर्ती करने की अनुमति नहीं दी है। इसको लेकर पत्राचार चल रहा है। पदें को भरने की मंजूरी तो मिल गई है, लेकिन अभी यह तय नहीं हो पा रहा है कि भर्ती पईबी के जरिए होगी अथवा पुलिस करेगी। बड़ा सवाल यह है कि जिन चार हजार पदों को भरने की अनुमति मिली है, उन पर भी भर्ती नहीं हो पा रही है। सूत्रों की मानें तो मध्यप्रदेश में पुलिस आरक्षकों को तकरीबन 16 हजार रिक्त पद हैं। आठ हजार आरक्षकों को पद भरने के लिए पुलिस मुख्यालय ने शासन को प्रस्ताव भेजा था उसके अलावा आठ हजार से अधिक आरक्षकों को सरकार ने उच्च पद का प्रभार देकर हवलदार बनाया है। पुलिस विभाग में कुल पंद्रह हजार पुलिसकर्मियों और गेर राजपत्रित अधिकारियों को उच्च पद का प्रभार सौंपा गया है। इनमें से सबसे ज्यादा संख्या आरक्षकों की है।

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              बताते हैं कि आठ हजार से अधिक आरक्षकों को हवलदार बनाकर कार्यवाहक जिम्मेदारी सौंपी गई है। लिहाजा आरक्षक के पद रिक्त हैं, जिन्हें भरा जाना है। यह बात दीगर है कि सरकार आरक्षकों के रिक्त पदों की जानकारी भी छुपा रही है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक आरक्षकों के मात्र 4955 पद रिक्त हैं। सरकार ने यह आंकड़ा विधानसभा में दिया है। सरकार के इस आंकड़े की पोल इसलिए खुल जाती है कि पुलिस मुख्यालय ने आठ हजार पदों पर भर्ती की अनुमति मांगी थी। जाहिर है कि पद रिक्त हैं, उसी स्थिति में भर्ती की अनुमति मागी गई थी।
             आरक्षक ड्रायवर और आरक्षक ट्रेड के पदों को जोड़ दिया जाए, तो भी आंकड़ा आठ हजार से कम होता है। पुलिस विभाग में अकेले आरक्षकों के पद रिक्त नहीं हैं। हवलदार से लेकर एसआई तक के पद रिक्त हैं। जिन्हें पदोन्नति के जरिए भरा जाना है। जैसे-जैसे ऊपर के पद भरते जाएंगे, आरक्षकों और थानेदारों के रिक्त पदों की संख्या और बढ़ती जाएगी। ऐसा इसलिए कि पुलिस विभाग में निचले स्तर के पदों पर भती्र दो स्तरों पर होती है। आरक्षक के अलावा एसआई (सूबेदार, थानेदार, प्लाटून कमांडर) के पद पर भर्ती की जाती है। थानेदारों के आधे पद सीधी भर्ती से और आधे पद पदोन्नति से भरे जाते हैं। विभाग के रिक्त पदों का आंकड़ा जोड़ दिया जाए तो यह बीस हजार के करीब पहुंच जाएगा। 
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