गोरखपुर। शहर में कोरोना के बाद एक बार फिर डेंगू ने दस्तक दी है। 19 महीने बाद शहर में डेंगू के दो मरीज मिलने से हड़कंप मच गया। जबकि पिछले साल कोरोना महामारी के बीच एक भी मरीज नहीं मिले थे। दोनों मरीज राप्ती नगर के रहने वाले हैं। इनमें एक की उम्र नौ साल और दूसरे की उम्र 27 साल है। जानकारी मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मरीजों के घर और उसके आसपास जमा पानी में एंटी लार्वल का छिड़काव किया।
राप्ती नगर का 27 वर्षीय युवक तीन सितंबर को प्रयागराज से आया। बुखार होने पर उसने राप्तीनगर के एक निजी अस्पताल में इलाज कराना शुरू किया। इस बीच डॉक्टरों ने डेंगू जांच की सलाह दी तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई। जबकि दूसरा मरीज भी इसी मोहल्ले का नौ वर्षीय एक बच्चा है। उसकी रिपोर्ट लखनऊ में पॉजिटिव आई थी। हालांकि 4 सितंबर को उसकी रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। उसके बाद वह गोरखपुर आया है।
24 लोगों को दिया नोटिस
घर के आसपास पानी जमा होने को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने कड़ा रूख अख्तियार किया है। अब तक 24 लोगों को नोटिस जारी कर पानी हटाने का निर्देश दिया है। जिला मलेरिया नियंत्रण अधिकारी डॉ. अंगद सिंह ने बताया कि उन्हें सख्त हिदायत दी गई है कि अगर एक सप्ताह के अंदर पानी नहीं हटता है तो जुर्माना लगाते हुए कानूनी कार्रवाई की जाएगी। क्योंकि पानी जमा होने से एडीज मच्छर पनप सकते हैं। इससे लोगों को डेंगू हो सकता है।
यह है डेंगू के लक्षण
त्वचा पर चकत्ते, तेज सिर दर्द, पीठ दर्द, आंखों में दर्द, तेज बुखार, मसूढ़ों से खून बहना, नाक से खून बहना, जोड़ों में दर्द, उल्टी, डायरिया।
BRD में 70 और जिला अस्पताल में है 11 बेड
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 70 और जिला अस्पताल में डेंगू पीड़ित मरीजों के लिए 11 बेड के वार्ड तैयार किए गए हैं। इसके अलावा सभी सीएचसी पर पांच-पांच बेड अलग से आरक्षित होंगे। बीआरडी में 20 डॉक्टर, 25 स्टाफ नर्स और 15-15 की संख्या में वार्ड ब्वॉय और सफाइकर्मी की तैनाती भी कर दी गई है।
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