नई दिल्ली। कोरोना या किसी दूसरे कारण से मार्च 2020 के बाद अपने एकल या दोनों माता-पिता को खोने वाले बच्चों को वित्तीय सहायता देने के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने पायलट परियोजना शुरू की।
एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने बताया, कि ऐसे बच्चों की सुविधा व सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्हें बच्चों के लिए समर्पण्य कार्यक्रम के तहत 2,000 रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि यह पायलट परियोजना फिलहाल मध्यप्रदेश के तीन जिलों (विदिशा, रायसेन और सीहोर) में शुरू की गई है और आने वाले महीनों में पूरे देश में इसका विस्तार किया जाएगा। इसके तहत इन जिलों से चिन्हित किए गए 83 बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
आयोग ने इन बच्चों का डाटा अपने बाल स्वराज पोर्टल के जरिये एकत्र किया है। कानूनगो ने बताया कि स्पेस-टू-ग्रो और वेदांतु इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियों ने आयोग से संपर्क किया था और उन्होंने इन बच्चों के लिए शैक्षिक योगदान की इच्छा जताई है।
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