November 22, 2024

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पुलिस के खुलासे में कितनी सच्चाई अब CBI जांच से आएगा सामने, जाने आखिर क्या है मामला

            कानपुर । शहर में बर्रा के चर्चित संजीत अपहरण एवं हत्याकांड की जांच के लिए सीबीआई की टीम ने कानपुर में डेरा डाल दिया है। सीबीआई संजीत के हत्यारोपितों को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। जहां संजीत की हत्या की गई उस मकान की दोबारा फॉरेंसिक जांच होगी। साथ ही केस में तत्कालीन एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता सहित नौ पुलिस कर्मियों से भी पूछताछ होगी। हत्याकांड की सीबीआई जांच शुरू होने से परिजनों को उम्मीद है कि अब उनके सवालों के जवाब मिल सकेंगे।
       कानपुर के बर्रा निवासी 28 वर्षीय लैब टेक्नीशियन संजीत यादव की 26 जून, 2020 को अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। इस मामले में अपहरणकर्ताओं ने 30 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी। संजीत को छुड़ाने के लिए घरवालों ने 30 लाख रुपए फिरौती की रकम पुलिस को दी थी। पुलिस ने बदमाशों को पकडऩे के लिए जाल बिछाया था, लेकिन बदमाश पुलिस को भी गच्चा देकर रकम लेकर फरार हो गए थे।
संजीत का उसके बाद भी कुछ पता नहीं चला था। इसके बाद कानपुर पुलिस ने 24 जुलाई, 2020 को घटना का राजफाश किया। संजीत के दोस्त कुलदीप और राम बाबू व अन्य की गिरफ्तारी कर दावा किया कि इन्हीं आरोपितों ने अपहरण कर संजीत की हत्या की और शव पांडु नदी में फेंक दिया था।
       हालांकि, पुलिस शव बरामद नहीं कर सकी। पुलिस के दावे पर भरोसा न करते हुए परिजनों ने सीबीआई जांच की मांग की थी, जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। इसके चलते अब जाकर मामले में सीबीआई जांच शुरू हो सकी है।
संजीत की मां सुषमा और बहन रुचि का कहना है कि योगी सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश तो दे दिए लेकिन अब उनकी इच्छा है कि हत्यारे को फांसी हो।

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