रांची। बंगाल की खाड़ी में मौसमी दशाओं में परिवर्तन के कारण चक्रवाती तूफान के सक्रिय होने की आशंका है. मौसम विज्ञानियों की मानें तो मध्य बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न साइक्लोनिक सर्कुलेशन बुधवार शाम तक निम्न दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित हो जाएगा. बंगाल की खाड़ी में हाल के दिनों में लगातार निम्न दबाव के क्षेत्र बनते रहे हैं. इसका असर तटीय क्षेत्रों के साथ ही झारखंड पर भी व्यापक पैमाने पर पड़ा है।
खदानों का दुष्प्रभाव पूरे इलाके में दिखता है. सबसे ज्यादा जो समस्या नजर आती है वह है डस्ट के कारण सांस संबंधी बीमारी. इसके अलावा कोल वाशरी के कारण नदियों में प्रदूषण. साथ ही खदानों से निकलने वाले ओवर बर्डन (कोयले की खुदाई में निकलने वाले डस्ट) की डंपिंग नदी किनारों में किये जाने से नदियां संकरी होती जा रही है, जिसका दुष्प्रभाव इंसानों और पशु-पक्षियों के साथ-साथ पर्यावरण पर भी पड़ रहा है. झारखंड पर एक और चक्रवाती तूफ ान का खतरा मंडराने लगा है. बंगाल की खाड़ी के मौसमी दशाओं में परिवर्तन के कारण चक्रवात के अनुकूल माहौल बन चुका है. मौसम विज्ञानियों ने बुधवार तक इसके निम्न दबाव के क्षेत्र में तब्दील होने की संभावना जताई है. मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना है, जिसके निम्न दबाव के क्षेत्र में बदलने की उम्मीद है. तटीय क्षेत्रों के साथ ही इसका असर झारखंड में भी व्यापक पैमाने पर देखा जा सकता है.
हालांकि, मौसम विभाग ने फिलहाल प्रदेश में बारिश या तूफ ान आने की चेतावनी जारी नहीं की है. रांची मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानियों ने बताया कि डॉप्लर रडार से मिले इनपुट से बंगाल की खाड़ी में साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने का पता चला है. विज्ञानियों का कहना है कि बुधवार दोपहर बाद या फि र शाम तक यह निम्न दबाव के क्षेत्र के रूप में परिवर्तित हो जाएगा. मौसम विज्ञानियों ने दक्षिण-पश्चिम मानसून के सोमवार को देशभर से विदा होने की पुष्टि कर दी है. इसके कारण झारखंड में सर्दी के मौसम के जल्द आगमन की बात कही गई है, क्योंकि इसके लिए अनुकूल माहौल बना हुआ है. मौसम विभाग ने इसके साथ ही यह भी कहा है कि चक्रवातीय प्रभाव के चलते अगले कुछ दिनों में मौसम में बदलाव देखा जा सकता है. इसका असर झारखंड के साथ ही अन्य सीमावर्ती प्रदेशों पर भी पड़ेगा. झारखंड की राजधानी रांची, जमशेदपुर और इससे लगते क्षेत्रों में मंगलवार को दिनभर धुंध की चादर फैली रही. आसमान में बादल भी छाए रहे. मौसम विज्ञानियों ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में हो रहे मौसमी बदलाव के कारण यह परिवर्तन हुआ है. मंगलवार को दिनभर बादलों और सूरज के बीच आंखमिचौली चलती रही. दूसरी तरफ रांची मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से मंगलवार दोपहर बाद जारी अपडेट में अगले 72 घंटों तक झारखंड के विभिन्न क्षेत्रों के तापमान में कोई खास बदलाव न होने की बात कही गई है. अलीपुर (कोलकाता) स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने भी इसी तरह की संभावना जताई है. सेटेलाइट से प्राप्त तस्वीरों में दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में चक्रवात के अनुकूल माहौल बनने का पता चला है
बता दें कि झारखंड में पिछले कुछ सप्ताहों में लगातार बारिश हुई है. पिछले कुछ दिनों से मौसम का मिजाज स्थिर बना हुआ था, लेकिन बंगाल की खाड़ी में एक बार फि र से चक्रवातीय तूफ ान उठने की संभावना प्रबल हो गई है. इसका असर झारखंड पर भी व्यापक प्रभाव पडऩे की भविष्यवाणी है. मानसून के शुरुआती दिनों में झारखंड में औसत से कम बारिश हुई थी, लेकिन बाद के दिनों में प्रदेश में जमकर बारिश हुई. बंगाल की खाड़ी के मौसमी दशाओं में परिवर्तन को इसका कारण माना गया।
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