नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने पेंशन से जुड़े दशकों पुराने कानून में बदलाव किया है। इसके अनुसार, सरकारी कर्मचारी की हत्या मामलों में उत्तराधिकारी के आरोपी होने पर पारिवारिक पेंशन निलंबित नहीं की जाएगी बल्कि आरोपी शख्स की जगह अन्य पात्र सदस्य को तुरंत दी जाएगी। पेंशन से जुड़े 50 साल पुराने कानून में हाल में बदलाव किया है।
देशभर में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब लोग पेंशन हासिल करने के लिए पति, पत्नी, माता-पिता या बच्चों की हत्या करने लगे थे। इस वजह से सरकार ने पारिवारिक पेंशन को किसी भी तरह के कानूनी फैसला होने तक के लिए निलंबित कर दिया था। साथ ही यदि किसी आरोपी का गुनाह साबित नहीं होता था या उसकी सजा पूरी हो जाती थी तो उसकी पारिवारिक पेंशन फिर से शुरू कर दी जाती थी लेकिन आरोपी के दोषी होने पर पेंशन परिवार के अगले पात्र सदस्य के नाम कर दी जाती थी लेकिन इसमें काफी समय लगता था जिससे लोगों को काफी परेशानी होती थी लेकिन केंद्र सरकार ने इस नियम को बदल दिया है।
कार्मिक मंत्रालय ने अपना आदेश जारी कर कहा है कि परिवार के सदस्य को पारिवारिक पेंशन नहीं देना गलत है, कानूनी कार्यवाही को अंतिम रूप देने में लंबा समय लगता है, जिसकी वजह से बच्चों और परिवार के बाकी पात्र सदस्यों को पेंशन न मिलने से आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। नए नियम के मुताबिक, ऐसे मामलों में जहां पारिवारिक पेंशन हासिल करने के लिए पात्र व्यक्ति पर सरकारी कर्मचारी की हत्या करने या ऐसा अपराध करने के लिए उकसाने का आरोप लगाया जाता है, उस पर परिवार पेंशन का भुगतान निलंबित रहेगा लेकिन इस संबंध में आपराधिक कार्यवाही समाप्त होने तक परिवार के अन्य पात्र सदस्य को पारिवारिक पेंशन की अनुमति दी जाएगी।
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