कानपुर । इत्र कारोबारी पीयूष जैन ने भले ही नोटों की गड्डियों की सेज पर सोया हों लेकिन रविवार की रात काकादेव थाने की फर्श पर लेटकर करवटें बदलते गुजरी। कानपुर और कन्नौज के घर से अबतक 284 करोड़ रुपये कैश की बरामदगी के बाद वह देश की सनसनी बन गया है। जीएसटी इंटेलीजेंस की टीम ने उसकी गिरफ्तारी के बाद रात में थाने में रखा और सोमवार को कोर्ट में पेश किया।
कर अपवंचना के संदेह पर जीएसटी इंटेलीजेंस टीम के छापे ने इत्र कारोबारी पीयूष जैन के ऐसे राज को उजागर कर दिया,जिसके सामने आने के बाद सभी आश्चर्य चकित रह गए हैं। पीयूष जैन के कानपुर के घर से 177 करोड़ रुपये और कन्नौज के घर से अब तक 103 करोड़ रुपये व सोने के जेवर की बरामदगी की गई। जीएसटी इंटेलीजेंस की टीम की कार्रवाई अभी जारी है लेकिन पूछताछ करने के बाद रविवार की रात पीयूष जैन की गिरफ्तारी की गई। जीएसटी टीम ने गिरफ्तारी के बाद कागजी कार्रवाई की गई और रविवार देर रात पीयूष जैन को काकादेव थाने लाया गया। थाने के रिकॉर्ड के मुताबिक देर रात 3रू00 बजे उसे थाने में पुलिस अभिरक्षा में रखने के लिए लाया गया और रात में उसे महिला हेल्पलाइन कक्ष में रखा गया। रात में उसके लिए गद्दा और कंबल का इंतजाम किया गया।
पूरी रात वह सो नहीं सका और करवटें बदलता रहा। सुबह जानकारी हुई तो पूरी मीडिया काकादेव थाने पहुंच गई और उससे बातचीत के प्रयास में जुट गई। उसने किसी के सामने कुछ भी नहीं बताया। सुबह करीब 10रू30 बजे जीएसटी इंटेलीजेंस की टीम काकादेव थाने पहुंची,इसके बाद दोपहर 12रू50 पर टीम कड़ी सुरक्षा के बीच पीयूष को थाने से साथ लेकर चली गई। बताया गया कि,पीयूष का पहले एलएलआर अस्पताल (हैलट) में मेडिकल परीक्षण कराया गया।
माना जा रहा है कि पीयूष के पास बरामद करीब 280 करोड़ रूपये,सोना-चांदी समेत अकूत संपत्ति में कई बड़े नाम भी सामने आ सकते हैं। इधर,एसबीआई के कर्मचारी अपने साथ कन्नौज में 3 मशीनें और लाए हैं। यानी कन्नौज में पीयूष जैन के घर 6 मशीनों से नोटों की गिनती चल रही है। एसबीआई अफसरों ने बताया कि इस मशीन से एक बार में 400 नोटों की गिनती की जा सकती है। सोमवार को दोपहर बाद इत्र कारोबारी पीयूष जैन को जीएसटी टीम ने कड़ी सुरक्षा के बीच रिमांड मजिस्ट्रेट योगिता सिंह की कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
कोर्ट में अभियोजन और बचाव पक्ष के बीच चली लंबी बहस
पेशी के बाद कोर्ट में दरवाजा बंद कर जैन की रिमांड को लेकर बहस चली। कोर्ट में अभियोजन और बचाव पक्ष के बीच लंबी बहस चली। बचाव पक्ष ने रिमांड को निरस्त करने की अर्जी दी थी,जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया। विशेष लोक अभियोजक,भारत सरकार अमरीश टंडन बताया कि कोर्ट ने व्यवसायी पीयूष जैन को 14 दिन की न्यायिक हिरासत के लिए भेज दिया है। पीयूष जैन ने स्वीकार किया है कि रिहायशी परिसर से बरामद नकदी बिना जीएसटी के माल की बिक्री से जुड़ी है। जीएसटी की धारा 132 में इन्हें जेल भेजा जा रहा है।
जीएसटी के विशेष अभियोजन अधिकारी ने कोर्ट में समस्त दस्तावेज पेश किए और आरोपित का जेल रिमांड मांगा।इस पर बचाव पक्ष के अधिवक्ता सुधीर मालवीय की ओर से आपत्ति जताते हुए रिमांड निरस्त करने की अपील की गई। दोनों पक्षों की लंबी बहस सुनने के बाद रिमांड मजिस्ट्रेट ने विशेष अभियोजन अधिकारी की बात से सहमति जताते हुए पीयूष जैन को चौदह दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। न्यायालय ने रिमांड निरस्त करने की अर्जी को खारिज कर दिया।
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