रांची। इंटरनेट और सूचना प्रौद्योगिकी के इस दौर में एक ओर सुविधाएं बढ़ी हैं, तो दूसरी ओर साइबर अपराध भी बढ़े हैं. हैकिंग कर पलक झपकते ही जालसाज बैंकों से पैसे उड़ा ले रहे हैं. ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले में वृद्धि हुई है. झारखंड के जामताड़ा के साइबर ठग जहां शुरू से ही आम व खास को निशाना बनाते रहे हैं, वहीं अब पुलिस की दबिश के बाद वहां के साइबर अपराधियों ने देवघर व रांची को भी अपना नया ठिकाना बना लिया है. आम तौर पर साइबर क्राइम का जिला जामताड़ा को माना जाता है
लेकिन आपको ये जानकार हैरानी होगी कि इस मामले में जामताड़ा नहीं बल्कि रांची जिला सबसे आगे है. जनवरी से लेकर सितंबर तक में रांची में जहां 90 मामले सामने आए तो वहीं जामताड़ा में 62 मामले दर्ज हुए हैं, राज्य में कुल 567 मामले आये हैं वहीं 903 साइबर अपराधी गिरफ्तार किये गये. इस अवधि में जामताड़ा में 62 और रांची व देवघर में 90-90 केस दर्ज किये गये हैं. इस वर्ष जनवरी से सितंबर तक जामताड़ा पुलिस ने 152 और देवघर पुलिस ने 594 साइबर अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया. लेकिन रांची पुलिस इस मामले में फिसड्डी रही जामताड़ा के कई जालसाज दूसरे जिले के भटके हुए युवाओं को तकनीकी रूप से दक्ष बनाकर साइबर अपराध के क्षेत्र में धकेल रहे हैं. बेरोजगार युवा भी बिना मेहनत के धनी बनने के चक्कर में गुमराह होकर साइबर अपराधी बन रहे हैं. पुलिस के आंकड़ों पर गौर करें, तो वर्ष 2021 में जनवरी से सितंबर तक कुल 567 साइबर अपराध के मामले विभिन्न जिलों में दर्ज किये गये.
रांची पुलिस ने हथियार सप्लायरों पर शिकंजा कसा है। इसी के तहत पुलिस ने बुंडू के जयराम होटल के समीप जंगल से चार हथियार सप्लायरों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार सप्लायरों में तमाड़ के समीर स्वांसी, जगन्नाथपुर के टोली पुंदाग के अविनाश नायक, मधुकम पहाड़ी मंदिर रोड के सन्नी नायक और खूंटी के जयदीप कुमार कश्यप शामिल हैं। आरोपियों के पास से पुलिस ने दो मैगजीन सहित पिस्टल बरामद किया है। जब्त हथियार मुंगेर मेड है। ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि पकड़े गए सभी आरोपियों का संबंध पीएलएफआई उग्रवादियों से है। वे उग्रवादियों को भी हथियार की सप्लाई करते हैं।
अब तक एक दर्जन छोटे हथियार उग्रवादियों को सप्लाई कर चुके हैं। आरोपी ने पूछताछ में हथियार खरीदने वाले उग्रवादियों के नामों का भी खुलासा किया है। ग्रामीण एसपी ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में पुलिस को कई अहम जानकारी भी मिली है। पुलिस उस पर काम कर रही है। इस गिरोह में कई सदस्य शामिल हैं। ये रांची के अलावा आसपास के ग्रामीण इलाकों में भी हथियार की सप्लाई ग्रामीण एसपी ने बताया कि पुलिस को हथियार की तस्करी की जानकारी मिली थी। इसी आधार पर एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा के निर्देश पर एक टीम का गठन किया गया। गठित टीम ने जयराम होटल के समीप जंगल में छापेमारी की। पुलिस को देखकर सप्लायर भागने लगे।
छापेमारी टीम ने खदेड़कर चारों को दबोच लिया। आईआईटी आईएसएम धनबाद के प्रो. सोमनाथ यादव डिपार्टमेंट ऑफ केमिस्ट्री के नेतृत्व में रिसर्च टीम ने एंटी कोविड 19 ड्रग मोलनुपिरवीर की नई प्रक्रिया डेवलप की है। यह दवा कोविड के वायरल लोड को बहुत कम समय में निगेटिव कर सकता है। भारत व अन्य देशों में क्लिनिकल ट्रायल शुरू हो गया है। नई प्रक्रिया से भारत में यह कम से कम लागत में तैयार हो सकती है। रिसर्च टीम में प्रो. सोमनाथ यादव के अलावे प्रो. पार्थ सारथी दास, डॉ रघुनाथ डे पोस्ट डॉक्टरल फेलो व सौरव नायक पीएचडी स्कॉलर शामिल हैं। सादे लिबास में पुलिस ने एक युवक को सप्लायरों के पास भेजा। युवक ने आरोपी समीर स्वांसी से संपर्क किया। वह युवक को लेकर जंगल में गया। जहां पर उसने आरोपी अविनाश, सन्नी और जयदीप पिस्टल के साथ बुलाया। दोनों के बीच 70 हजार रुपए में सौदा तय हुआ। इसी बीच पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई और आरोपियों को हथियार के साथ दबोच लिया।
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