लखनऊ । उत्तरप्रदेश राज्य के विधानसभा चुनाव में सपा और प्रसपा में गठबंधन हो गया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार दोपहर बाद अचानक प्रगतिशील सपा के अध्यक्ष शिवपाल यादव के आवास पर मुलाकात के बाद ट्वीट कर यह जानकारी दी। 2016 में मुलायम परिवार में हुई तल्खी में बाद करीब पांच साल बाद अखिलेश यादव अपने चाचा शिवपाल से मिलने उनके घर पहुंचे थे। अखिलेश, शिवपाल के आवास पर करीब 45 मिनट रहे।
सूत्रों के अनुसार अर्से बाद अपने घर पर अखिलेश से मिलने के बाद शिवपाल यादव भावुक हो गए। अखिलेश यादव घर के अन्य लोगों से भी मुलाकात की। बाद में दोनों नेताओं के बीच विधानसभा चुनाव पर बात हुई। शिवपाल यादव के घर से निकलकर अखिलेश ने उनके साथ फोटो ट्वीटकर लिखा कि प्रसपा के राष्टड्ढ्रीय अध्यक्ष जी के साथ मुलाकात हुई और गठबंधन की बात तय हुई। क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को निरंतर मजबूत कर रही है और सपा व अन्य सहयोगियों को ऐतिहासिक जीत की जो ले जा रही है। बुधवार की देर रात जौनपुर से दो दिवसीय रथयात्रा का छठवां चरण पूरा कर लखनऊ लौटे अखिलेश गुरुवार को आम दिनों की तरह सपा कार्यालय पहुंचे थे। प्रदेश के विभिन्न जिलों के कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ काफी देर तक मुलाकात का सिलसिला चलता रहा। इस बीच दोपहर बाद अखिलेश यादव कुछ देर के लिए जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट गए। वहां से लौटकर फिर वापस सपा कार्यालय आए। पार्टी आफिस में इंतजार कर रहे बड़ी संख्या में लोगों से मिलने के बाद अखिलेश अपने आवास के लिए निकले। लेकिन फ्लीट की दो गाडिय़ां आवास जाने के बजाय शिवपाल के आवास की तरफ मुड़ गयी। अखिलेश अचानक शिवपाल के घर पहुंचे थे। इसकी किसी को कानोकान भनक नहीं लगी।
शिवपाल के घर पहुंचने के बाद मीडिया में ब्रेकिंग न्यूज शुरु हो गयी। लम्बे समय बाद चाचा के घर पहुंचकर अखिलेश ने आगामी विधानसभा चुनाव में गठबंधन पर बात की। करीब पौन घंटे बातचीत के बाद अखिलेश ने वापस अपने घर पहुंचकर ट्वीट के जरिए प्रसपा के गठबंधन की घोषणा की। यूपी विधानसभा चुनाव में छोटे-दलों से गठबंधन की रणनीति के तहत सपा अब तक रालोद, महानदल, भासपा, जनवादी पार्टी और अपना दल कमेरावादी से गठबंधन कर चुकी है।
पिछले विधानसभा चुनाव से पहले मुलायम परिवार में तल्खी के बाद शिवपाल और अखिलेश आमने-सामने आ गए। विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी खेमों में बंट गयी। 2017 का विधानसभा चुनाव हालाकि शिवपाल ने सपा के चुनाव चिन्ह् पर लड़ा लेकिन तल्खी कम नहीं हुई। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले शिवपाल यादव ने अलग पार्टी बना ली। लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी प्रगतिशील सपा लोहिया से सपा सांसद और सपा महासचिव प्रो. राम गोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव के खिलाफ लड़े। चुनाव में दोनो हार गए। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए पिछले एक साल से शिवपाल लगातार सपा से गठबंधन या विलय के प्रयास में हैं। वे कई बार बयान दे चुके हैं कि विधानसभा चुनाव में उनकी पहली प्राथमिकता समाजवादी पार्टी रहेगी। अखिलेश यादवभी चुनाव में शिवपाल को साथ लेने का बयान दे चुके थे। पिछली 12 अक्टूबर को एक तरफ जहां अखिलेश ने समाजवादी विजय रथयात्रा निकाली वहीं शिवपाल ने मथुरा से परिवर्तन यात्रा निकाली।
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