November 22, 2024

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विज्ञान की बुनियाद क़ुरआन व हदीस है: मुफ़्ती अज़हर

विज्ञान की बुनियाद क़ुरआन व हदीस है: मुफ़्ती अज़हर

           गोरखपुर। ग़ौसे आज़म हज़रत सैयदना शैख़ अब्दुल क़ादिर जीलानी अलैहिर्रहमां की याद में मौलवीचक बड़गो व अस्करगंज में जलसा-ए-ग़ौसुलवरा हुआ। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत कारी अनीस व कारी नसीमुल्लाह ने की। नात व मनकबत मोहम्मद अफ़रोज़ क़ादरी व आदिल अत्तारी ने पेश की।
     मौलवी चक बड़गो के जलसा-ए-ग़ौसुलवरा में मुफ़्ती मो. अजहर शम्सी (नायब क़ाज़ी) ने कहा कि मुलसमानों ने हर दौर में तालीम के हर मैदान में अपना परचम बुलंद रखा है। इसके हर गोशे को अपनी नाकाबिले फरामोश ख़िदमात से मुनव्वर किया है। ज़रूरत इस बात की है कि हम अपना खोया हुआ वकार दोबारा हासिल करें, जिसके लिए हमें अपना रिश्ता क़ुरआन-ए-पाक व हदीस-ए-पाक से मज़बूती के साथ जोड़ कर दूसरे उलूम में भी सबकत हासिल करनी होगी। इल्म हासिल करने में खूब मेहनत करें। विज्ञान की बुनियाद क़ुरआन-ए-पाक व हदीस-ए-पाक है। मुसलमान तो वह है जो विज्ञान को मुसलमान बना दे।
      अस्करगंज के जलसा-ए-ग़ौसुलवरा में मुफ़्ती अख़्तर हुसैन मन्नानी (मुफ़्ती-ए-शहर) ने कहा कि दुनिया में मुसलमानों को कयादत इसलिए मिली की उन्होंने इल्म के साथ अख़लाक़, इंसानियत को साथ रखा। आज यूरोप सहित तमाम देशों के पास इल्म तो है मगर इंसानियत, अख़लाक़ का ज़नाज़ा निकल चुका है। जिसका ख़ामियाजा सीरिया, अफ़गानिस्तान, इराक, यमन, म्यांमार आदि में नज़र आता है। पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने सहाबा-ए-किराम को सिर्फ इल्म ही नहीं बल्कि तौहीद, अख़लाक़, किरदार, इंसानियत की भी तालीम दी। मुसलमान इल्म जरूर हासिल करें साथ ही अख़लाक़, किरदार और इंसानियत की तालीम भी हासिल करें। वक्त की कद्र करें। उलमा-ए-किराम व उस्ताद का अदब करें। क़ुरआन-ए-पाक व हदीस-ए-पाक पढ़ें, समझें और उसमें गौर फिक्र करें। अगर इल्म के साथ उक्त सारी चीजें आ गईं तो कयादत फिर से हमारी होगी।
       अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो अमान की दुआ मांगी गई। जलसे में सद्दाम हुसैन श्सलमानश्, मो. रज़ा ख़ान, इस्राइल ख़ान, रईस ख़ान, अशफाक सिद्दीक़ी, अफ़ज़ल सिद्दीक़ी, अब्दुल अहद, आरिफ सिद्दीक़ी, मोहसिन खान, सलमान खान, खालिद खान, अहमद रज़ा ख़ान, मौलाना मो. उस्मान बरकाती,  मौलाना अबुल कलाम, हाफ़िज़ मोईनुद्दीन, सलमान, मो. क़ैश, हाजी नियाज़ अहमद, तबरेज ख़ान, शोएब सिमनानी, सैयद शहनवाज़, खुर्शीद, अहमद रज़ा, शोएब अंसारी, मसूदुल हसन, मोहसिन सिद्दीक़ी, तौहीद अहमद आदि ने शिरकत की।

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