March 12, 2025

UP One India

Leading Hindi News Website

रामनगरी अयोध्या दौरे पर पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कहा केन्द्र बने अयोध्या

  

        अयोध्या । रामनगरी अयोध्या के दौरे पर अयोध्या पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने रामायण कानक्लेव के उद्घाटन के दौरान अपने सम्बोधन में केन्द्र व राज्य सरकार से अपेक्षा की है कि वह जनता के सहयोग से अयोध्या को भविष्य में मानव सेवा के उत्कृष्ट केन्द्र, समाजिक समरसता के उदाहरण, शिक्षा व शोध का वैश्विक केन्द्र बनाये। जिससे यह नैतिक व अध्यात्मिक संस्कारों के लिए प्रसिद्ध हो।
          उन्होने अपने सम्बोधन की अंतिम पंक्तियों में कहा कि केन्द्र व राज्य सरकारों द्वारा क्षेत्र की जनता के प्रयासों के बल पर अयोध्या भविष्य में मानव सेवा का उत्कृष्ट केन्द्र बने। समाजिक समरसता का उदाहरण प्रस्तुत करे। शिक्षा व शोध का वैश्विक केन्द्र बने व नैतिक व अध्यात्मिक संस्कारों के लिए प्रसिद्ध हो। उन्होने कहा कि रामकथा पार्क में आकर बहुत प्रसन्नता हो रही है। जैसा नाम से चरितार्थ है रामकथा पार्क। गोस्वामी तुलसीदास ने कहा था कि राम की कथा वह मधुर फल है जो संदेह रुपी पक्षियों को उड़ा देता है। रवीन्द्र नाथ टैगोर ने कहा था कि रामायण व महाभारत में भारत की आत्मा बसती है।
 

                   रामकथा के माध्यम से मर्यादाओं को प्रदर्शित करती रामायण का प्रचार प्रसार मानवता के हित में होगा। अयोध्या भगवान राम की जन्म व लीला भूमि है। कवि भास ने अपने नाटक में भरत के संवाद के रुप में व्यक्त किया कि राम के बिना अयोध्या है ही नहीं। यहां राम सदा के लिए विराजमान है। इसलिए यह अयोध्या है। अयोध्या का अर्थ है जिससे युद्ध असम्भव है। इसे अपराजेय माना जाता है इसलिए इसका नाम अयोध्या है। पिछले वर्ष रामायण कानक्लेव का आयोजन सफलतापूर्वक किया गया था। इस बार अनेक शहरों में इसका आयोजन किया जा रहा है। रामायण में दर्शन के साथ आचार संहिता भी उपलब्ध है।

Read More- महिला थाना प्रभारी पर रिश्वत मांगने का आरोप, एसपी ने किया लाइन हाजिर

 
               जो जीवन के प्रत्येक पक्ष से हमारा मार्गदर्शन कराती है। रामायण व रामचरितमानस में मानव के ईश्वरीकरण व ईश्वर के मानवीकरण के रुप में देखा जा सकता है। रामराज्य में अपराध विलुप्त हो गया था। दण्ड विधान की अवश्यकता नहीं थी। अयोध्या पर आधारित रामचरितमानस ने जनआन्दोलन का रुप लिया। आज भी घर घर में रामचरितमानस की पंक्तियां ज्ञान का प्रकाश फैलाती है। दैव दैव आलसी पुकारा जैसी पंक्तियां आलसी लोगो के विषय में बताती है। आज का आयोजन महत्वपूर्ण है। स्वदेश दर्शन के माध्यम से दो योजनाओं का लोकापर्ण व तुलसी स्मारक भवन के विकास का शिलान्यास किया गया। इससे रामकथा से जुड़े शोध कार्यो में सहायता मिलेगी। अयोध्या शोध संस्थान के द्वारा पूरे विश्व में मौजूद रामायण का संकलन किया जायेगा। यहां अनवरत रामलीला का संचालन होता है। कोविड में कुछ व्यवधान हुआ था। परन्तु अब यह चलता रहेगा।
 
            उन्होने कहा कि रामायण में वाल्मिकि ने कहा था कि जब तक पर्वत व नदियां विद्यमान रहेंगी तब तक रामायण रहेगी। रामकथा की लोकप्रियता विश्वव्यापी है। गोस्वामी तुलसीदास ने अवधी में रामायण की रचना करके इसे जनजन तक जोड़ दिया। विश्व के अनेक देशों में रामकथा की प्रस्तुति रामलीलाओं के माध्यम से की जाती है। रामकथा पर आधारित चित्रकारी भी देखने को मिलती है। रामकथा पर साहित्य का प्रभाव मानवता के रुप में आज भी देखने को मिलता है। मेरे माता पिता में राम के प्रति श्रद्धा रही होगी तभी मेरा नामांकरण किया।
            उन्होने कहा कि दक्षिण कोरिया के 60 लाख लोग अपने को अयोध्या की राजकुमारी सूरीरत्ना का वंशज मानते है। जनकपुर की वजह से नेपाल का अयोध्या से जुड़ाव है। थाईलैंड में एक शहर का नाम अयोध्या है। रामायण में राम व शबरी का प्रसंग है। यह प्रसंग हमें सामाजिक समरसता का संदेश देता है। भेदभाव मुक्त समाज का उदाहरण है। निषाद राज के साथ राम का गले मिलना भी समाजिक समरसता का अनुभव कराता है। राम ने अयोध्या व मिथिला से सेना नहीं बुलाई। उन्होने अपने अभियान में जटायु से लेकर गिलहरी तक को जोड़ा। महात्मा गांधी ने आदर्श भारत की कल्पना को रामराज्य से जोड़ा।
error: Content is protected !!