March 15, 2025

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मनीष गुप्ता हत्याकांड: आरोपी इंस्पेक्टर और दरोगा सरेंडर करने की फिराक में, साक्ष्य मिटाने में फंस सकते हैं होटल के लोग

             गोरखपुर।  कानपुर निवासी मनीष गुप्ता की की गई हत्या के मामले में एसआईटी की जांच अभी जारी है तो अब खबर यह भी है कि इस मामले में आपराधिक साजिश की धारा (120) और साक्ष्य मिटाने की धारा (201) के तहत भी कई लोगों की गर्दन फंसती नजर आ रही है। साक्ष्य मिटाने में होटल के लोग फंस सकते हैं तो उन्हें बचाने वालों पर एसआईटी 120 की धारा में कार्रवाई कर सकती है। इस ओर भी एसआईटी की जांच जारी है।
        वही जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक मनीष गुप्ता हत्याकांड के आरोपी इंस्पेक्टर जेएन सिंह,चौकी इंचार्ज रहे अक्षय मिश्रा कोर्ट में सरेंडर करने की फिराक में हैं। कानपुर और गोरखपुर पुलिस का गिरफ्तारी के लिए बढ़ते दबाव के बीच इंस्पेक्टर जेएन सिंह ने गोरखपुर के कई बड़े अधिवक्ताओं से संपर्क साधा है। हालांकि कुछ ने केस लडऩे से मना भी कर दिया है।
      सूत्रों का कहना है कि जेएन सिंह भी कानून को बारीकी से जानता है। इस वजह से वह कोर्ट में छुट्टी के दिन हाजिर होने की फिराक में है ताकि अधिवक्ताओं के गुस्से से बच सके। इंस्पेक्टर जेएन सिंह और उसके आरोपी साथी पुलिस के काम करने के सभी तरीकों को बारीकी से जानते हैं। यही वजह है कि पुलिस उस तक आसानी से पहुंच नहीं पा रही है। फरार पुलिस वाले कोई पेशेवर अपराधी या छिटपुट बदमाश नहीं हैं। उन्हें खुद पुलिस विभाग का लंबा अनुभव है। इस मामले में मुख्य आरोपी बनाया गया इंस्पेक्टर जेएन सिंह खुद एसओजी व एसटीएफ में तैनात रहा है। ऐसे में वह पुलिस की रग-रग से वाकिफ है। गोरखपुर पुलिस का भी मानना है कि उसकी तलाश में लगाई गई टीमें अभी जो कर रही हैं,उसके आगे का रास्ता वह जानता है।
       सूत्रों का कहना है कि वारदात के अगले दिन 28 सितंबर को इंस्पेक्टर जेएन सिंह और दरोगा अक्षय मिश्रा थाने में जीडी लिखकर बाकायदा अपनी सर्विस रिवाल्वर और सीयूजी मोबाइल जमा करते हुए लखनऊ नंबर की काली स्कार्पियो से निकल गए और पुलिस उनका बाल तक बांका नहीं कर सकी। इसके बाद भी आरोपी फरार नहीं हुए।
      सूत्रों के मुताबिक वह यहां रामगढ़ताल थाने से निकलकर सीधा लखनऊ गए और बाराबंकी में पूरी रात गुजारी। कहा जा रहा है कि बाराबंकी में स्थित अक्षय मिश्रा के घर पर ही इंस्पेक्टर और दरोगा रात में ठहरे थे। इसके बाद वह लखनऊ चिनहट भी गए। हालांकि, इस बीच पुलिस का बढ़ता दबाव देख वह जब गायब हुए तो फिर पुलिस उनकी परछाई भी नहीं छू सकी।

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