कानपुर। प्रदेश में जीका का पहले केस मिलने के बाद सेंट्रल से लेकर स्टेट गवर्नमेंट की टीम पूरी तरह एक्टिव हो चुकी है। वायरस को रोकने के साथ ही इस बात की भी छानबीन शुरू कर दी गई है कि आखिर ये वायरस मच्छरों में कैसे आया। इसके लिए मच्छरों के सैंपल कलेक्ट किए जा रहे हैं। अब इनकी डीएनए जांच कराई जाएगी। सैंपल डीएनए परीक्षण के लिए राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान (एनएमआरआई) दिल्ली भेजा जाएगा।
जीका के मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी फिक्रमंद हैं। उन्होंने इसका जिक्र भी किया। इसके बाद से मंगलवार दोपहर को भारत सरकार की ओर से एपिडेमियोलॉजिस्ट की एक्सपर्ट टीम कानपुर पहुंच गई है। वे बीमारी के पिछले इतिहास का अध्ययन करेंगे। एपिडेमियोलॉजिस्ट मेडिकल साइंटिस्ट होते हैं। ये किसी भी बीमारी के कारणों की छानबीन करते हैं।
9 सैंपल की आनी है रिपोर्ट
परदेवन पुरवा निवासी एयरफोर्स कर्मी में जीका वायरस की पुष्टि हुई है। इसका इलाज 7 एयरफोर्स हॉस्पिटल में चल रहा है। मंगलवार को कमिश्नर डॉ.राज शेखर ने यहां का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि एयरफोर्स कर्मी के संपर्क और इलाके से सैंपल कलेक्ट किए गए थे। 22 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। 9 और लोगों की रिपोर्ट आनी है।
परिवार के सदस्यों से की बात
कमिश्नर ने एयरफोर्स कर्मियों के परिजनों से भी बात की। सीएमओ डॉ.नेपाल सिंह ने बताया कि लखनऊ से एक टीम आई थी। चिकित्सा विशेषज्ञ टीम ने सभी परिजनों से बात की थी। ट्रैवल हिस्ट्री भी तलाशी जा रही है। वहीं कीट विज्ञान विशेषज्ञ भी इलाकों में मच्छरों को कलेक्ट कर रहे हैं।
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