पटना। बिहार के गया में एक परिवार पर पुलिस की मुखबिरी का आरोप लगाते हुए माओवादियों ने परिवार के चार सदस्यों को फांसी लगा दी. सालों बाद माओवादियों द्वारा इस तरह कंगारू अदालत लगा कर लोगों को दोषी ठहराने और मार देने का मामला सामने आया है.घटना बिहार-झारखंड सीमा के पास डुमरिया इलाके की है. मृतक सरजू भोक्ता नाम के व्यक्ति के बेटे और बहुएं थीं. सीपीआई (माओवादी) के सदस्यों ने चारों को फांसी देने के बाद एक बम धमाके से उनके घर को भी उड़ा दिया. माओवादियों ने वहां एक पर्चा भी छोड़ा जिसमें उन्होंने परिवार पर पुलिस की मुखबिरी करने का और माओवादियों को धोखा देने का दोषी ठहराया।
माओवादियों की चेतावनी मीडिया में आई खबरों में बताया जा रहा है कि इस घटना का संबंध कुछ महीनों पहले उसी इलाके में पुलिस से मुठभेड़ में चार माओवादियों के मारे जाने से है. माओवादियों ने आरोप लगाया है कि उनके वो साथी मुठभेड़ में नहीं मारे गए थे बल्कि इसी परिवार के सदस्यों ने उन्हें जहर देकर मार दिया था. उन्होंने पर्चे में लिखा कि इसलिए सरजू भोक्ता के बेटों और बहुओं को सजा दी गई है. भोक्ता खुद उस समय घर पर मौजूद नहीं थे माओवादियों ने पर्चे में इलाके के बाकी लोगों के लिए भी चेतावनी दी कि अगर किसी और ने भी उनके खिलाफ पुलिस की मदद की तो उसका भी यही हश्र होगा. पुलिस अभी इस घटना की जांच कर रही है और अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है. इस इलाके में लंबे समय से माओवादी गतिविधियां होती रही हैं लेकिन इस तरह कंगारू अदालत का गठन कर लोगों को जाने से मार देने की घटना कई सालों बाद सामने आई है. चुनाव के समय हिंसा पुलिस ने पत्रकारों को बताया कि गया के एसएसपी आदित्य कुमार ने घटना स्थल पर ही डेरा डाल लिया है और दोषियों को पकडऩे की कार्रवाही का निरीक्षण कर रहे हैं।
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