बाराबंकी। बस-ट्रक हादसे मे मरे लोगों के सामान को जमीन निगल गई अथवा आसमान। मृतको के परिजन अब यह सवाल उठा रहे हैं लेकिन इसका जवाब किसी के पास नही है। जिससे वह सभी सामान के लिये हलकान है। किसी का मोबाइल खोया है तो किसी का रुपया पैसा तो वही जेवरात खोने की भी बात कही जा रही है । लाजमी भी है कि जिन लोगो की सड़क हादसे में मौत हुई उनमे अधिकतर लोग दिल्ली में रहकर रोजगार करते थे। कोई फल का ठेला लगाता था तो कोई गली मोहल्लों में सब्जी बेचकर परिवार का भरण पोषण करता था।लगभग सभी अपने घर वापस लौट रहे थे।इक्का दुक्का लोग ही थे जो इनसे अलग थे।ऐसे बस सवार प्रत्येक यात्री की जेबे भरी थी तथा सामान भी साथ मे था जिसे देखकर घर के लोग खुश होते।घर के लोग खुश तो नही हुए बल्कि घर के एक सदस्य को तो खोया ही साथ मे उनका सामान भी लापता है।
पोस्टमार्टम कराने आये नगर कोतवाली के आलापुर निवासी ने बताया कि अब्दुल रहमान तो इस दुनिया से चला गया उसका सामान भी नही मिल रहा है बताया कि पोस्टमार्टम हाउस में मौजूद एक दरोगा से कहा तो उन्होने कहा कि अभी पोस्टमार्टम हो रहा है बाद में जानकारी करिएगा।
वही ग्राम उपधी थाना जरवलरोड बहराइच निवासी मृतक कदीर पुत्र मो.इदरीश के दामाद ने बताया कि दिल्ली में जूस का ठेला लगाते थे उनकी जेब मे सिर्फ 2 सौ रुपये ही बरामद होने की बात पुलिस ने कही है।इसी तरह मृत मां और उसकी मासूम बेटी का पोस्टमार्टम कराने आए परिजन भी कुछ कह इसी तरह का इल्जाम लगाया है।लेकिन इस बात का जबाव कोई नही दे पा रहा है ग्रामीणो ने इनके साथ लूटपाट की है या पुलिस का यह अमानवीय चेहरा है यह यक्ष प्रश्न उनके दिलो मे कौंध रहा है जिनमे किसी ने अपना भाई पिता अथवा पुत्र खोया है ।


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