कानपुर । कानपुर में बढ़ते कोरोना के ग्राफ के बीच चिंता और बढ़ गई है। फुल्ली वैक्सीनेटेड के बावजूद संक्रमण का खतरा पैदा हो गया है। टीके की दोनों डोज ले चुके लोग भी तीसरी लहर की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में बचने के लिए वैक्सीन के साथ प्रोटोकॉल का भी पालन जरूरी हो गया है। अब तक की गई जांच में 377 संक्रमित ऐसे मिले हैं जिनके डबल डोज तीन से पांच महीने पहले लग चुकी है।
हैरान करने वाली बात यह है कि यह कुल पॉजिटिव केसों का लगभग आधा है। स्वास्थ्य विभाग की सर्विलांस टीमें पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद सभी की कांटैक्ट ट्रेसिंग कर केस हिस्ट्री तैयार कर रही हैं। रविवार शाम तक 702 एक्टिव केसों का आंकड़ा पहुंच गया था। डॉक्टर और स्वास्थ्य विभाग के अफसर उस वक्त हैरान रह गए जब इसमें 377 के करीब संक्रमित वैक्सीन की डबल डोज ले चुके हैं। हालांकि ये लोग होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे हैं। सिर्फ तीन मरीजों को छोड़कर ज्यादातर संक्रमितों की हालत सामान्य है और उनका ऑक्सीजन लेवल भी मानक के अनुरूप बताया गया है। दो से ज्यादा मरीज डायबिटीज के भी चिह्नित हुए हैं, पिछली लहर में ऐसे मरीजों को तत्काल भर्ती की जरूरत पड़ रही थी।
स्वास्थ्य विभाग की मानें तो तीसरी लहर में अब तक सवा सौ मरीज ऐसे भी मिले हैं, जिन्हें सिंगल डोज ही लगी। उनमें एक दर्जन को सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण मिले हैं जबकि 109 संक्रमितों ने अभी तक पहली-दूसरी कोरोना वैक्सीन लगवाई ही नहीं है। इनमें सर्दी-जुकाम के साथ कमजोरी के लक्षण हावी होने लगे हैं।
सीएमओ डॉ. नेपाल सिंह के मुताबिक डबल डोज ले चुके लोग बड़ी संख्या में संकमित हो रहे हैं। हालांकि वैक्सीन गंभीर होने से रोकने में सक्षम है। उधर, अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ.जीके मिश्र का कहना है कि वैक्सीन हर किसी को लगाना जरूरी है क्योंकि उससे जिन्दगी सेफ हो रही है। शुगर,हाइपरटेंशन मरीजों के लिए यह काम कर रही है।
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