लखनऊ। प्रदेश सरकार गांवों को भी शहरों की तरह मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में प्रधानों को विकास का पाठ पढ़ाया जाएगा। प्रशिक्षण से लैस ग्राम प्रधानों को गांवों के विकास पर फोकस करना होगा। प्रोजेक्टर के माध्यम से होने वाले प्रधानों के प्रशिक्षण पर 2,87,400 रुपये खर्च किए जाएंगे। जिले के सभी 12 विकास खंडों में निर्धारित तिथियों के दौरान अधिकतम 50-50 की संख्या में सभी ग्राम प्रधानों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
वर्ष 2021 में निर्वाचित होने वाले जिले के 479 ग्राम प्रधानों को गांवों में विकास कार्य कराने का तरीका सिखाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रधानों के प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा शासन स्तर से उपलब्ध करा दी गई है। दौराला ब्लाक में 25 सितंबर को, हस्तिनापुर ब्लाक में 27 सितंबर को, जानीखुर्द ब्लाक में 28 सितंबर को, खरखौदा ब्लॉक में 29 सितंबर, माछरा ब्लॉक 30 सितंबर, मवाना ब्लॉक एक अक्तूबर, मेरठ ब्लॉक चार अक्तूबर, परीक्षितगढ़ ब्लॉक पांच और छह अक्तूबर, रजपुरा ब्लाक सात अक्तूबर, रोहटा ब्लॉक आठ अक्तूबर, सरधना ब्लॉक नौ अक्तूबर, सरूरपुर ब्लॉक में 11 अक्तूबर को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। सुबह 10 से शाम पांच बजे तक कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन प्रधानों को प्रोजेक्टर व लैपटाप से प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रधानों को चाय, नाश्ता व भोजन भी उपलब्ध कराया जाएगा। व्यवस्थाओं के लिए सभी ब्लाकों को 600 रुपये प्रति प्रधान की दर से दो लाख 87 हजार 400 रुपये खर्च किए जाएंगे।
जिला पंचायत राज अधिकारी रेनू श्रीवास्तव ने बताया कि सभी ब्लाकों में प्रशिक्षण कराने को शासन से प्राप्त धनराशि मुहैया करा दी है।
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