नईदिल्ली। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत को एक और हथियार मिल गया है। स्वदेशी कंपनी जायडस कैडिला ने अपनी कोरोना वैक्सीन जायकोव-डी की सप्लाई शुरू कर दी है। ये वैक्सीन 12 साल और उससे ऊपर के लोगों को दी जाएगी। हालांकि भारत में अभी इसे 18 साल से ऊपर के लोगों को लगाई जाएगी। इस वैक्सीन की खास बात ये है कि इसमें सुई का इस्तेमाल नहीं होगा। यानी ये वैक्सीन निडिल फ्री वैक्सीन है। इसे बिना सुई के ही दिया जाएगा। इसके अलावा ये वैक्सीन तीन डोज वाली है, जो इसे बाकी वैक्सीन से अलग बनाती है।
जायडस कैडिला की वैक्सीन जायकोव-डी को केंद्र सरकार ने पिछले साल अगस्त में ही मंजूरी दे दी थी। हालांकि, अब तक इस वैक्सीन का इस्तेमाल नहीं हो पाया था। अभी तक दुनियाभर में जितनी वैक्सीन लगाई जा रही है, वो या तो सिंगल डोज हैं या डबल डोज, लेकिन जायकोव-डी पहली वैक्सीन है जिसकी तीन डोज लगाई जाएगी। इसमें सुई का इस्तेमाल नहीं होगा। इसे जेट इंजेक्टर से लगाया जाएगा। इससे वैक्सीन को हाई प्रेशर से लोगों की स्किन में इंजेक्ट किया जाएगा। इस डिवाइस का आविष्कार 1960 में हुआ था. डब्ल्यूएचओ ने 2013 में इसके इस्तेमाल की अनुमति दी थी।
जायकोव-डी दुनिया की पहली डीएनए बेस्ड वैक्सीन है. अभी तक जितनी भी वैक्सीन हैं, वो एमआरएनए का इस्तेमाल करती हैं, लेकिन ये प्लाज्मिड-डीएनए का इस्तेमाल करती है। बाकी वैक्सीन की तुलना में इसका रखरखाव ज्यादा आसान है। इसे 2 से 8 डिग्री सेल्सियस पर लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है। इतना ही नहीं, 25 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी इसे 4 महीने तक रखा जा सकता है। इस वैक्सीन के तीन डोज 28-28 दिन के अंतर से लगाए जाएंगे। पहली डोज के बाद दूसरी डोज 28 दिन बाद और तीसरी डोज 56 दिन बाद लगाई जाएगी।
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