October 23, 2024

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अजग गजब: ग्वालों का एक ऐसा गांव जहां मुफ्त में मिलता है दूध

              

अजग गजब: ग्वालों का एक ऐसा गांव जहां मुफ्त में मिलता है दूध

बैतूल। महंगाई और मार्केटिंग के इस दौर में जहां पानी भी मुफ्त में नहीं मिला, वहीं अजब गजब मध्यप्रदेश में ग्वालों का ऐ ऐसा गांव भी है जहां मुफ्त में दूध मिलता है और वो भी जितना चाहे उतना क्योंकि इस गांव में सदियों से दूध बेचना प्रतिबंधित है, जबक गांव में 90 फीसदी ग्वाले रहते हैं, यहां लोग दूध के बदले पैसे लेने के बारे में सोचते भी नहीं हैं, बैतूल के इस अनूठे गांव का नाम है चूडिय़ा, जहां लगभग एक सदी से यह परंपरा चली आ रही है, इस गांव के हर घर में पालतू मवेशी हैं और रोजाना सैंकड़ों लीटर दूध उत्पादित होता है, लेकिन फिर भी लोग दूध मुफ्त में बांटते हैं।
   हमें रोजाना एक ग्लास दूध पीने के लिए भी पैसे खर्च करना ही पड़ते हैं, लेकिन बैतूल का चूडिय़ा गांव एक ऐसी जगह है जहां दूध के बदले पैसे नहीं देने पड़ते। आप इस गांव से जितना जी चाहे उतना दूध मुफ्त में ले सकते हैं, क्योंकि ग्वालों के इस गांव में दूध बेचने पर प्रतिबंध है, ग्रामीणों का मानना है कि गांव में एक संत ने एक सदी पहले यहां दूध बेचने पर प्रतिबंध लगाया था जिसे लोग आज भी निभा रहे हैं।
फल भी मिलते हैं मुफ्त
     केवल दूध ही नहीं इस गांव में तो आम, जामुन जैसे फल भी मुफ्त में ही मिलते हैं। ऐसा कहा जाता है जिसने भी यहां दूध का व्यापार करने की कोशिश की वो बबाद हो गया, इसलिए यहां दूध बेचने का ख्याल भी किसी को नहीं आता है। गांववाले एक संत का आदेश अपनी किस्मत मानकर खुशी से आज भी लोगों की सेवा कर रहे हैं।
      ग्रामीणों का कहना है कि 1912 में इस गांव में चिन्ध्या बाबा नाम के एक संत रहा करते थे, जो एक बड़े गौसेवक थे, उन्होंने ग्रामीणों को सीख दी कि दूध में मिलावट करके बेचना पाप है, इसलिए गांव में कोई दूध नहीं बेचेगा और लोगों को दूध मुफ्त में दिया जाएगा, संत चिन्ध्या बाबा की बात पत्थर की लकीर बन गई हे औ इसके एक सदी बाद आज भी चूडिय़ा गांव में दूध मुफ्त मिल रहा है। सबसे बड़ी हैरत की बात यह है कि यहां 90 फीसदी ग्वाले रहते हैं जिनके पास हजारों गौवंश हैं, ये चाहें तो रोजारा सैंकड़ों लीटर दूध बेचकर बड़ा मुनाफा कमा सकते हैं, लेकिन परंपराओं ने इनके दिलों से लालच को हमेशा के लिए खत्म कर दिया है।

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