गोरखपुर। सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाज़ार में हज़रत मौलाना हशमत अली खान अलैहिर्रहमां का उर्स-ए-पाक अकीदत के साथ मनाया गया। क़ुरआन ख़्वानी, फातिहा ख़्वानी व दुआ ख़्वानी हुई।
मस्जिद के इमाम हाफ़िज़ रहमत अली निज़ामी ने कहा कि हज़रत मौलाना हशमत अली की पैदाइश 1319 हिजरी में हुई। आपके वालिद का नाम हज़रत हाफ़िज़ मो. नवाब अली खान था। आप नौ साल की उम्र में हाफ़िज़-ए-क़ुरआन हुए। आपने मुजद्दिदे आज़म आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खां अलैहिर्रहमां, हज़रत मुफ़्ती अमज़द अली आज़मी अलैहिर्रहमां, हज़रत हामिद रज़ा खां अलैहिर्रहमां, मुफ़्ती-ए-आज़म हिंद हज़रत मो. मुस्तफा रज़ा खां अलैहिर्रहमां आदि से तालीम हासिल की। तालीम के दौरान आला हज़रत ने आप पर खास निगाहे तवज्जो फरमाई। आप दारुल उलूम मंजरे इस्लाम में शिक्षक भी रहे। आप आला दर्जे के मुनाजिर थे। बदमजहब फिरकों के साथ मुनाजरे में अल्लाह तआला के फज़्ल से आपने हमेशा फतह हासिल की। आप बहुत शानदार तकरीर किया करते थे। आपने अपनी तकरीर व तहरीर के जरिए अहले सुन्नत व जमात की अज़ीम खिदमत की। आप आला हज़रत के मुरीद व ख़लीफा हैं। आपका विसाल 8 मुर्हरम 1380 हिजरी (3 जुलाई 1960) में हुआ। आपका मजार हशमत नगर पीलीभीत (उप्र) में है।
आखिर में सलातो सलाम पढ़कर दुआ मांगी गई। उर्स-ए-पाक में मो. ज़ैद, मो. अयान, मो. अली, मो. रुशान, मो. अरीब, मो. अरहाम, मो. अरसलान आदि शामिल हुए।
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