कानपुर। जाजमऊ की बेटी यास्मिन फातिमा बीती रात कानपुर पहुंच गई। बीती रात लखनऊ एयरपोर्ट पर माता-पिता से मिली तो भावुक हो गई। बोली,पापा जान बच गई पर 7 दिन जिन्दगी और मौत से लड़े।
यास्मिन कहती है कि खारकीव में 5 दिन फंसने के बाद कीव फिर हंगरी के रास्ते मुम्बई पहुंची लेकिन उसे लेने के लिए माता-पिता दिल्ली पहुंच गए। मुम्बई से लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचे तो उसी के आधे घंटे के बाद माता-पिता भी दिल्ली से आ गए। मुम्बई तक भारत सरकार लाई फिर वहां से यूपी सरकार ने यहां के हम बच्चों को सीधे लखनऊ लाने के इंतजाम किए। पिता डॉ.नसीम अहमद बेटी को पाकर बेहद खुश ही नहीं है बल्कि सरकार को यहां तक लाने के लिए शुक्रिया का संदेश भी दे रहे हैं।
यास्मिन ने बीते सात दिन के दौर को जिन्दगी का सबसे कठिन दौर माना है। बमों की बौछारों के नजदीक से देखकर अभी भी डर लग रहा है। कानों में वही आवाजें गूंज रही हैं। वह कहती है कि खारकीव के वीएन कारजिल मेडिकल कॉलेज जहां हम पढ़ते हैं, वहां पर रूसी बमों से काफी हिस्सा डैमेज होने की जानकारी मिली है। रूसी हमले में टॉवर ध्वस्त हो गए हैं इसलिए मंगलवार रात से कानपुर के मेडिकल स्टूडेंट्स का माता-पिता से सम्पर्क टूट गया है। सभी स्टूडेंट के अभिभावक चिंता में हैं।
More Stories
Gorakhpur Mahotsav 2023: Gorakhpur Mahotsav में बॉलीवुड व भोजपुरी नाइट में गायक और गायिका ने दी शानदार प्रस्तुति, झूमने लगे दर्शक, यहां देखें एक झलक
Gorakhpur Mahotsav 2023 : Gorakhpur Mahotsav का आगाज, रंगारंग कार्यक्रमों के बीच सजी सुरो की महफिल
UP Board 10th-12th Exam Time Table 2023 : यहां देखें 10वीं-12वीं परीक्षा का पूरा टाइम-टेबल, यूपी बोर्ड परीक्षाएं 16 फरवरी से 04 मार्च तक