भोपाल। पाँच राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम दस मार्च को शाम तक आ जाएंगे। यह परिणाम देश की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण साबित होने वाले हैं। यदि भाजपा को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में बहुमत मिलता है तो 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी का मनोबल बढ़ जाएगा। लोकसभा चुनाव के पूर्व गुजरात, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में चुनाव होंगे। भाजपा को इन राज्यों में भी लाभ मिलेगा। उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणामों का असर महाराष्ट्र की राजनीति पर भी पड़ेगा।
महाराष्ट्र की महा अघाड़ी सरकार हिचकोले खा रही है। महाराष्ट्र में नगरीय निकाय के चुनाव भी होना है। इनमें बृहन्नमुंबई महानगर पालिका के चुनाव भी हैं। इन चुनावों पर भी चुनाव परिणामों का असर होगा। भाजपा को अच्छी सफलता मिली तो विपक्ष के पास एकजुट होने के अलावा कोई रास्ता नहीं रहेगा। इसके विपरीत यदि भाजपा को उत्तर प्रदेश में बहुमत नहीं मिला और उत्तराखंड तथा गोवा में उसकी पराजय हुई तो इसका नुकसान पार्टी को अन्य राज्यों के चुनाव में भी उठाना पड़ेगा।
आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के साथ ही समाजवादी पार्टी के भाव बढ़ जाएंगे तथा राष्ट्रीय राजनीति में अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी और अखिलेश यादव का गठजोड़ सामने आएगा। कुल मिलाकर इसी वजह से दस मार्च की प्रतीक्षा की जा रही है।
फिर भी अधिकांश बार एग्जिट पोल से यह पता चलता है कि हवा का रुख किस ओर है। तटस्थ विश्लेषक मानते हैं कि 2017 की तुलना में भले ही भाजपा को नुकसान हो जाए लेकिन 200 प्लस सीटें उसे मिलती दिख रही हैं। भाजपा को इस बार सबसे बड़ा नुकसान यह हुआ बसपा और कांग्रेस के वोट अंतिम समय में सपा की ओर शिफ्ट हो गए। इससे मुकाबला सपा और भाजपा के बीच सीधी लड़ाई में बदल गया। भाजपा ने अंतिम तीन चरणों में अपनी सारी ताकत झोंक दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपना पूरा फोकस उत्तर प्रदेश पर ही रखा। संघ परिवार ने प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाकर कोर मैनेजमेंट संभाला जिसमें मतदान का प्रतिशत 2017 जितना बरकरार रहा।
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